.......लेकिन कुछ ही चेहरे ऐसे है जिनकी तस्वीर आँखों में समा जाती है और लाख मुद्दतों बाद में उसकी रौनक धूमिल नहीं पड़ती" जाने ये कौन मेरी रूह को छूकर ग़ुज़रा, एक क़यामत हुई बेदार...ख़ुदा ख़ैर करे! आई ज़ंजीर की झनकार ख़ुदा ख़ैर करे.!! फिल्म रजिया सुल्तान में कब्बन मिर्ज़ा की बेमिसालआवाज में इस गाने के हर एक बोल, दिल में किसी तीर की तरह आर पार हो जाते हैं. खूबसूरती और उस पर चढ़ता जवानी का नशा, किस कदर किसी को अपना दिवाना बनाता है, इस गाने के के जरिए मिर्जा साहब ने इसे बड़ी ही मासूमियत से फरमाने की कोशिश की है. हालांकि उस दौर में खुदा खैर करे तो को अपनी तरह की एकलौती अभिनेत्री हेमा मालिनीपर फिल्माया गया था. लेकिन आज के दौर में इस तरह के जहन की गहराई में उतर जाने वाले गाने को, फिल्माए जाने के लिए किसी ऐसे चेहरे की जरुरत महसूस होती है जोमासूमियत की ऊंचाईयां को पार करता हुआ हॉटनेस की नयी परिभाषा को जन्म देने की काबिलियत रखता हो. "मिलावट है तेरे हुस्न में “इत्र” और “शराब” की, तभी मैं थोड़ा महका हूं, थोड़ा सा बहका हूं…" यूँ तो भारतीय फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में ऐसे कई चेहरे हैं जो एक नजर म