Wednesday, March 30, 2022

पावन - पवित्र 14वें दलाई लामा के विद्यार्थियों और मित्रों की ओर से तिब्बती आध्यात्मिक गुरु को भारत का उच्चतम सिविलियन अवार्ड 'भारत रत्न' प्रदान करवाने के लिए वोटिंग अभियान की शुरूआत

 16 मार्च 2022 : अद्वितीय और उचित संकेत के रूप में पावन पवित्र 14वें दलाई लामा के विद्यार्थियों और मित्रों द्वारा तिब्बती आध्यात्मिक गुरु को भारत उच्चतम विलियन अवार्ड भारतरत्न प्रदान करवाये जाने के लिए वोटिंग अभियान प्रारंभ हो गया है। दलाई लामा ने हमारी पुरातन दार्शनिक सूझ, विद्वता और दयादृष्टि वाली भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना महान योगदान दिया है। इस पहल कदमी के पीछे काम करते लोगों भारत के लोगों और समस्त विश्व में



बसते भारतीय प्रवासियों को दिनती की है कि वे इस अभियान का समर्थन करें जो कि 3 मार्च से 3 जुलाई, 2022 तक चार महीनों के लिए क्रियाशील रहेगा। यह समर्थन वेबसाईट https://www.bharatratnafordalailama.in/ पर वोटिंग करके या मिस्ड कॉल सर्विस नंबर 917065506767 के जरिये भी कर सकते हैं। अभियान शुरू करते हुए रेणुका सिंह ने कहा, हम भारत के लोगों से अनुरोध करते हैं


कि वे पावन पवित्र दलाई लामा तेनजिन ग्यातसो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु जो 1959 से भारत में रह रहे हैं, को भारत रत्न प्रदान करवाये जाने के लिए शुरू किए इस अभियान का समर्थन करें। हम उनके आभारी होंगे।"


पावन पवित्र दया के बुद्ध, अवालोकितेश्वर का प्रत्यक्ष रूप हैं और समूचे संसार में शांति मानव के रूप में जाने जाते हैं। पावन पवित्र ने जीवन भर धार्मिक और राजनीतिक / सांस्कृतिक विरोध का बड़े धैर्य, अहिंसा और दयालु दिल के साथ सामना किया। वह सर्व साझे भाईचारे और जिम्मेदारी की स्थायी आवाज़ है जिसके कारण कोविड-19, जलवायु परिवर्तन और हमारे भाईचारों एवं मनुष्यता में दरार डालने वाली विघटनकारी शक्तियों जैसी बहुत जरूरी चुनौतियों से निपटने की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया। उनकी इस तीव्र दया के पीछे वैज्ञानिक मन की तीक्ष्ण दृष्टि है।


निराशाजनक और दिल तोड़ने वाले दृश्य जो अति उपभोगितावाद और सांस्कृतिक राजनीतिक लड़ाई के कारण उत्पन्न हुए. से संबंधित पावन-पवित्र ने सभी आयु के लोगों के लिए प्रेम, क्षमा और सहनशीलता की पहुँच वाले मध्यमार्ग निरंतर वकालत की। दलाई लामा विश्व स्तर पर सम्मानित मानववादी के रूप में जाने और सराहे गए हैं। वह अब 87 वर्ष के हैं। यह बिलकुल उपयुक्त समय है कि हम भारत के लोग उच्चतम सम्मान से उन्हें बतौर राष्ट्र, बतौर सच्चे मित्र और भारत के सुपूत के तौर पर मान्यता दें।

पावन - पवित्र दलाई लामा को 'भारतरत्न' प्रदान करवाए जाने का कारण साफ- स्पष्ट और प्रभावशाली है।


उनकी भारत और समूची मानवता के लिए सर्वोत्तम और आजीवन सेवा बेजोड़ है। उन्हें 1989 में नोबल पीस प्राइज सहित भिन्न-भिन्न विश्वविद्यालयों और देशों की ओर से 150 से अधिक अवार्डों के साथ सम्मानित किया जा चुका है।


पावन - पवित्र दलाई लामा ने हमारे देश को बुद्ध शाकियामुनि और नालंदा के दर्शनवेताओं की शिक्षाओं को आत्मसात किया। भगवान बुद्ध के विद्वान और भावात्मक वंश उनकी अगुवाई के अधीन प्रफुल्लित हो रहा है।


के द्वारा क/ शैक्षिक प्रयोजन परस्पर विश्वास, मन पर प्रवचन और विज्ञानियों के साथ मनोभाव और तिब्बती बोधि संस्कृति की देखरेख के लिए किए यत्नो और वातावरण संबंधी पहल कदमी को शिखरों की सफलता मिली। पावन-पवित्र भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक गुरु और अनमोल हीरा हैं जिनकी दयालुता और दया की गूँज चारों ओर विद्यमान है।

परसा के ग्रामीण हुए एक जुट, ज्ञापन सौंपकर परसा खदान को शीघ्र शुरू कराने की रखी मांग

 फर्जी एनजीओ को परसा से दूर रख कर स्थानिको के रोजगार और विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध


उदयपुर: परसा खदान को जल्द से जल्द शुरू कराने के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी आवाज बुलंद कर दी है। सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में परसा कोयला परियोजना के पक्ष में आस-पास के छः गांवों के निवासी बड़ी संख्यामें आज अंबिकापुर में इकठ्ठा हुए और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। साथ ही राजधानी रायपुर स्थित तथाकथित एनजीओ के नाम पर स्थानिको को गुमराह करने वाले बाहरी तत्वों को ग्राम प्रवेश पर आपत्ति जताते हुए जिला प्रशासन से उनकी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।


कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने मामले की जांच कराकर तुंरत ही कार्यवाही करने का आश्वासन परसा और आसपासके गाँव वालो को दिया है। परसा खदान शुरू होने से सिर्फ स्थानिको को रोजगार के अवसर ही नहीं परन्तु राज्य सरकार को बड़ा राजस्व और देश को किफायती दामों पर बिजली भी मिलेगी। परसा और आसपास के गाँव घाटबर्रा, फत्तेपुर, जनार्दनपुर, साल्हि, इत्यादि के 1200 से 1500 लोगो ने जिला प्रशासन से फर्जी एनजीओ वालों को उनके ग्राम में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरगुजा कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा को अनुरोध किया है।

 


परसा गाँव के उप सरपंच शिव कुमार यादव ने कहा कि," हम यहाँ परसा खदान परियोजना के समर्थन करते है और अलोक शुक्ला जो की स्थानिको को बाहरी लोगो को लाकर भड़काता है उसका विरोध करते है। हम कलेक्टर को निवेदन करते है की अगर परसा खदान शुरू नहीं होती है तो सरकारको अनुरोध करने के लिए हम यहां  से राजधानी रायपुर भी जायेंगे।  यह आदिवासी विस्तार है और उनको रोजगार की जरुरत है।  जब कोरोना का संकट का समय था तब हमारे साथ खदान की कंपनियां खड़ी थी, न की वह बाहरी लोग जो खदान और क्षेत्र के विकास का विरोध करते है।" सब्र खो चुके इन ग्रामीणों ने अब मांगे पूरी नहीं होने पर जिला प्रशासन को उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है।


ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को बताया कि उन्होंने वर्ष 2019 में परसा कोयला परियोजना के लिए इस उम्मीद में अपनी जमीन दी थी कि उन्हें जमीन की अच्छी कीमत के साथ-साथ रोजगार भी उपलब्ध होगा। किन्तु आज तक जमीन देने के बावजूद खदान शुरू ना होने के कारण उन्हें रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे है। इस वजह से उन्हें गुजर-बसर करने के लिए जमीन मुआवजे से मिले पैसे ही निर्वाह के लिए खर्च करने पड़ रहे हैं। मुआवजे की राशि जो स्थानिको के भविष्य का एक मात्र सहारा है उसको खर्च करने पर मजबूर है। उन्होने बताया की इस सबका जिम्मेदार तथाकथित बाहरी एनजीओ के सरगना अलोक शुक्ला और उसके साथीदार है जो की परसा योजना को ही निशाना बना रहे है जबकि छत्तीसगसढ़ देश का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है।


"पड़ोस के गांव में संचालित पीईकेबी खदान के ग्रामीण, गावों के चौतरफा विकास होने से काफी समृद्ध हो रहे हैं। पीईकेबी खदान के सभी गांवों में ग्रामीणों को नौकरी देने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और ग्रामीण विकास से सम्बन्धित कई अन्य योजनायें संचालित है, लेकिन हम परसा परियोजना के लाभार्थी ब्लॉक शुरू नहीं होने से इन सभी सुविधाओं से आज तक वंचित हैं," साल्हि गाँव की वेदमती उइके ने बताया।


गौरतलब है कि सरगुजा जिले में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की ताप विद्युत परियोजनाओं के लिए तीन कोल ब्लॉक परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी), परसा और केते एक्सटेंशन केंद्र सरकार द्वारा कई साल पहले आवंटित किया गए थे। अभी पीईकेबी में खनन का कार्य चल रहा है लेकिन शेष दो ब्लॉकों के लिए अनुमति लेने का कार्य छत्तीसगढ़ शासन के पास अटका पड़ा है। ग्रामीणों ने जिस कोल ब्लॉक के समर्थन के लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है, उसके जमीन का मुआवजा भूमि अधिग्रहण नीति के तहत ग्रामीणों को मिल चुका है जबकि ब्लॉक शुरू होने पर सभी लाभार्थियों को पुनर्वास और पुनर्व्यस्थापन नीति के तहत नौकरी दिया जाना शेष है।


उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य के कोयला खदानों से देश के गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्य के कई बिजली संयंत्रों में कोयले के आपूर्ति होती है जिससे बिजली का उत्पादन संभव हो पाता है और वहां की सरकार नागरिकों को सस्ते दरों पर बिजली उपलब्ध करा पाती हैं।

Tuesday, March 29, 2022

Thomas Cook India expands presence in Punjab Opens new Gold Circle Partner (Franchise) outlet in Ludhiana Extends consumer access across Punjab and Chandigarh tri-city to 11 outlets

 Mumbai, March 28, 2022: Thomas Cook (India) Limited - India’s leading omnichannel travel services company


inaugurated a new Gold Circle Partner (franchise) outlet in Ludhiana, Punjab. This expansion augments

Thomas Cook India’s distribution and reach in Punjab to 11 consumer access centres: 9 owned branches

and 2 Gold Circle Partner (franchise) outlets across Punjab and Chandigarh tri-city. This new outlet will

serve the commercial capital and the largest city of Punjab – Ludhiana and its surrounding towns of

Khanna, Mandi Gobingarh, Rajpura, Phagwara, Sahnewal, Samrala and Moga.

In the new age of travel, customers are understandably seeking the guidance and reassurance of holiday

experts and Thomas Cook India’s internal survey reiterates the same, with a significant 77% respondents

stating that they require guidance of a holiday expert. To help customers with their travel plans and

requirements, Thomas Cook India has set up a new Gold Circle Partner (franchise) outlet at Ludhiana,

Punjab.


Additionally, to strengthen customer confidence in travel, Thomas Cook’s “TravShield” is India’s only safety

commitment – with only vaccinated staff and co-passengers among many other precautions, building on

their “Assured” travel safety protocols - developed in association with Apollo Clinics.

TravShield & Assured together, ensure best in class safety and protection for travellers in the post Covid

era, covering every distribution, delivery and partner touch point in the travel ecosystem.

With strong pent-up demand, easing of restrictions and the announcement on resumption of commercial

aviation driving positive consumer sentiment, consumers from Ludhiana/Punjab are displaying a strong

travel desire for domestic travel to Goa, Andamans, Kashmir, Leh-Ladakh, Himachal Pradesh and Kerala.

Closer to home destinations like Maldives, Singapore, Dubai and Abu Dhabi are driving demand.

Additionally, long/mid haul favourites include Switzerland, France, Canada, UK, Turkey, Egypt, Australia

and USA for Visa holding customers. Key segments driving growth from Punjab include young

professionals, families, couples, group of friends and seniors. Culture and heritage, adventure/outdoor,

culinary experiences, and spa/wellness are top preferred holiday options for consumers from Punjab.

Thomas Cook’s Gold Circle Partner outlet in Ludhiana offers consumers end-to-end travel solutions with a

bouquet of travel and travel related services, including: International & Domestic Holidays (Group Tours,

Personalised holidays, Cruises, etc.); Value Added Services like Travel Insurance; Visa Services, etc.

Contact Details:

Thomas Cook (India) Limited

Unique Tower, 1


st Floor, Adjoining The Upper House, New Lajpat Nagar,


Pakhowal Road, Ludhiana - 141001, Phone: 0161-4608425

Email: joginder.pal@thomascook.in

Mr. Rajeev Kale, President & Country Head – Holidays, MICE, Visa, Thomas Cook (India)

Limited said, “Ludhiana/Punjab have been key markets for us at Thomas Cook India, and we are seeing a

strong travel desire from the region. Hence, we are delighted to announce the launch of our new Gold Circle

Partner franchise outlet in Ludhiana. We intend to accelerate demand while supporting our customer segments -

including families, couples/honeymooners, millennials/young professionals, group of friends and seniors.”

He added, “Our Gold Circle Partners, Ms. Deepti Bajaj & Mr. Gaurav Chopra are travel enthusiasts and their

expertise along with their extensive network in the region will assist Thomas Cook India to further strengthen its

presence in this growing market and thereby assist our customers from Ludhiana/Punjab to plan their perfect

holiday.

Monday, March 28, 2022

इंडिया कार्पेट एक्सपो के 42वें संस्करण का आज एनएसआईसी ग्राउंड ओखला, नई दिल्ली में हुआ शुरूआत, निर्यातकों को कई गुना वृद्धि की उम्मीद

 नई दिल्ली, 28 मार्च, 2022: इंडिया कार्पेट एक्सपो के 42वें संस्करण का उद्घाटन आज एनएसआईसी ग्राउंड ओखला, नई दिल्ली में किया गया। भारत सरकार के संरक्षण में इस चार दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है।



इंडिया कार्पेट एक्सपो का मुख्य उद्देश्य भारत में आने वाले विदेशी कालीन खरीदारों के बीच हस्तनिर्मित भारतीय कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है।


श्री उपेंद्र प्रसाद सिंह (आईएएस), सचिव, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने 'इंडिया कार्पेट एक्सपो 2022'  के 42वें संस्करण का अनावरण 24 मार्च, 2022 को एनएसआईसी ग्राउंड ओखला में किया था। इस अवसर पर श्री शांतमनु (आईएएस),  विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार भी मौजूद थे। 

  

इस मौके पर श्री यू.पी. सिंह ने कहा, "हमें बहुत खुशी है कि सीईपीसी दुनिया भर में भारतीय बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए हर साल, दो बार इस एक्सपो का आयोजन करती है। हर साल एक्सपो में भारी मात्रा में कारोबार होता है। हमारे यहां हस्तनिर्मित और हाथ से बुनी हुई हर चीज है, जो विदेशी खरीदारों के लिए प्रमुख आकर्षण है।” सचिव ने सदस्यों द्वारा किए गए नए उत्पादों की सराहना की।


बीकानेर से महिला उद्यमी ज्योती गोयल जोकी ‘फॉर्च्यून रग्स’ नाम से अपनी कार्पेट उत्पादक कंपनी चलाती है। उन्होने कहा कि उन्हे इंडिया कार्पेट एक्सपो 2022 में उनके व्यवसाय के लिए अच्छे विदेशी और देशी खरीददार मिल रहे हैं। इससे वह देश में मौजूद अन्य महिलाओं के लिए भी एक प्लेटफॉर्म बनाएंगी। ताकि कार्पेट से जुड़े मार्केट जहां हमेशा से ही पुरूषों का वर्चस्व रहा है अब वहां भी देश की महिलाएं आगे आ कर अपना योगदान दें।


श्री शांतमनु, आईएएस, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) ने इतने बड़े पैमाने पर इंडिया कारपेट एक्सपो के आयोजन के लिए अध्यक्ष और प्रशासन समिति द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इसका लाभ अंततः कारीगरो और बुनकरों को मिलेगा।


सीईपीसी के अध्यक्ष श्री उमर हमीद ने कहा, "इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतरराष्ट्रीय कालीन खरीदारों और भारतीय कालीन निर्माताओं और निर्यातकों के लिए व्यापार से जुड़ा एक बेहतरीन मंच है। यह प्रदर्शनी भारत से हस्तनिर्मित कालीनों के निर्यात को और अधिक और नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमने एक विशेष थीम पवेलियन भी स्थापित की है जिसमें कालीन बुनाई की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जा रहा है।"

 

श्री हमीद ने आगे कहा कि निर्यात में कई गुना बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। कार्पेट एक्सपो में नए फॉल-विंटर रंग और डिजाइन प्रदर्शित किए जा रहे हैं।


सुश्री शुभ्रा, व्यापार सलाहकार, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने मेले का दौरा किया और आयोजकों द्वारा की गई उत्कृष्ट व्यवस्था एवं विदेशी आयातकों की प्रतक्रिया पर प्रसन्नता व्यक्त की।


एक विदेशी आयातक ने कहा, "यह एक्सपो नई तकनीक के उपयोग के साथ हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के लिए वैश्विक व्यापार के अवसर प्रदान करता है, इस एक्सपो की सफलता मील का पत्थर साबित होगी। हम भारत में इस मेगा एक्सपो का हिस्सा बनकर खुश हैं।"


प्रदर्शकों में से एक ने कहा, "भारत के कालीन उद्योग ने इस क्षेत्र में उच्च वृद्धि देखी है जो पूरी तरह से बाजार के विविधीकरण और नए उत्पादों के नवाचार के लिए जिम्मेदार है जिसमें डिजाइन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हमें इस एक्सपो से व्यापार में कई गुना वृद्धि की उम्मीद है।"


इंडिया कारपेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जिसमें खरीदारों को एक छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन और अन्य फर्श कवरिंग प्राप्त करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया गया है। 195 प्रदर्शकों की भागीदारी के साथ, यह हस्तनिर्मित कालीनों पर दुनिया भर में एक लोकप्रिय मंच बन गया है।


मेले के पहले दिन लगभग 27 देशों के 118 विदेशी कालीन खरीदारों और 125 ख़रीदने वाले प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसमें मुख्य रुप से अमेरिका, यूरोप, दक्षिण अमेरिका के साथ एशिआई देशों जैसेकि जापान सिंगापुर, कतार आदि देशों से प्रतिनिधियों ने अपनी उस्थिति दर्ज कराई।  


यह परिषद का प्रयास है कि कालीन आयातकों के साथ-साथ निर्माता-निर्यातक दोनों को एक विशेष व्यावसायिक वातावरण प्रदान किया जाए, जिससे श्रम-प्रधान, ग्रामीण-आधारित एमएसएमई कुटीर उद्योग में कार्यरत लगभग 2 मिलियन बुनकरों और कारीगरों को लाभ मिलेगा।

  

समिति के सदस्य जब अनुभवी खरीदारों से बातचीत कर रहे थे तब उन्होने पाया कि खरीदार अब कोविड19 के डर वाले माहौल से दूर खुद को बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

मनीष मल्होत्रा फिट और हेल्दी रहने के लिए इवोकस ब्लैक एल्कलाइन पानी पीते हैं

 पैपराज़ी (मीडिया) ने मशहूर डिजाइनर मनीष मल्होत्रा को हाल ही में अपने मुंबई स्टोर के बाहर हेल्दी ब्लैक एल्कलाइन वॉटर के साथ देखा था, जिसके हेल्थ बेनिफिट्स (स्वास्थ्य लाभ) के बारे में इन दिनों काफी बातें हो रही है। अपने स्टाइलिश अंदाज़ में, उन्होंने कैमरों के लिए पोज़ दिया और दिल्ली में लैक्मे फैशन वीक में शोकेस होने वाले अपने नए कलेक्शन के बारे में बात की। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें 'इवोकस ब्लैक एल्कलाइन वाटर' बहुत पसंद है और यह उन्हें हेल्दी और फिट रहने में काफी मदद करता है। जब एक पैप (पत्रकार) ने सवाल किया, 'सर आप भी ब्लैक वॉटर पीते हैं?' तब उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि "यह हेल्दी है और उम्र बढ़ने के साथ ही अपना ज्यादा ख्याल रखना जरुरी है"।



खैर, यह पहली बार नहीं है जब हमने अपने सेलिब्रिटीज को ब्लैक एल्कलाइन वॉटर पीते देखा है।

कई अन्य सेलिब्रिटीज को भी ब्लैक एल्कलाइन वॉटर के लिए वाउचिंग करते हुए देखा गया है, जिसमें 8 से ज्यादा पीएच लेवल और 70 से अधिक खनिज पाए जाते हैं, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं।

जहां सामान्य पानी का पीएच लेवल 7 होता है और इसमें खनिज नहीं पाए जाते, ब्लैक एल्कलाइन वॉटर का पीएच लेवल 8 से 8.4 और इसमें 70 से ज्यादा खनिज होते हैं, जो शरीर में अम्ल (एसिड) की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करने के साथ ही शरीर को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड और डिटॉक्स भी करते हैं जिससे शरीर के सभी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं।  


वैसे कई सेलेब्स पहले से ही इस स्वस्थ पानी (हेल्दी वॉटर) को चुन रहे हैं, ऐसा लगता है कि 'ब्लैक अल्कलाइन वॉटर' जल्द ही पीने के पानी का 'नया सामान्य' बन जाएगा।


इसकी कीमत 100 रुपये प्रति बोतल (500 मिली) है और यह अमेज़न, फ्लिपकार्ट, हेल्थकार्ट और कंपनी की वेबसाइट www.drinkevocus.com पर उपलब्ध है।

Thursday, March 10, 2022

महाराजा चाप- शुद्ध शाकाहारी मल्टीक्यूसिन रेस्टोरेंट ने इंदौर में लॉन्च किया अपना सिग्नेचर आउटलेट

 हाल ही में इंदौर में अपना सिग्नेचर आउटलेट लॉन्च किया, जो उनकी यूएसपी के रूप में आतिथ्य और स्वास्थ्य का वादा करता है। 'महाराजा चाप- प्योर वेज मल्टीक्यूसिन रेस्तरां' के मैनेजिंग डायरेक्टर, अम्मित भाटिया ने प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर रेडी-टू-ईट भोजन की पेशकश करने वाले अपने सिग्नेचर आउटलेट का उद्घाटन किया।  



उक्त वेंचर का स्वामित्व एक युवा आंत्रप्रेन्योर अमित यादव के पास है, जिनका उद्देश्य इंदौर के लोगों को स्वास्थ्य और स्वाद का शानदार संयोजन परोसना है। महाराजा चाप इस विचार में फिट बैठता है, जहाँ स्वाद के लिए स्वास्थ्य से समझौता किया जाता है। पौष्टिक रेडी-टू-कुक मोक मील्स/कृत्रिम भोजन समय की बचत करता है और उत्कृष्ट स्वास्थ्य लाभ भी सुनिश्चित करता है। महाराजा चाप ने सोया आधारित मॉक मीट स्नैक्स जैसे सीक कबाब, शमी कबाब, अफगानी टिक्का पेश किए हैं।


बैराठी कॉलोनी में इस नए सिग्नेचर आउटलेट की थीम शाही आतिथ्य पर आधारित है। जैसा कि अमित बताते हैं, "आप अपने 'महाराजा चाप' आउटलेट पर महाराज और महारानी हैं।" आउटलेट की मेजबानी पारंपरिक कपड़े पहने कर्मचारियों द्वारा की जाएगी, और अपने मूल्यवान ग्राहकों को 'मेजबानी' के उत्कृष्ट कौशल का प्रदर्शन करेंगे।" अमित आगे कहते हैं, "तहजीब और तमीज की यह अवधि विशेषता 'महाराजा चाप' सिग्नेचर आउटलेट में एक अभिन्न सेवा मानदंड बनने जा रही है। हम उन शाकाहारियों के लिए अवधि भोजन का स्वाद या 'ज़ायका' पेश करना चाहते हैं, जो शाकाहारी होने के कारण इसका अनुभव नहीं कर सकें। हम चाहते हैं कि ग्राहक खुश होने के साथ-साथ स्वस्थ भी रहें।"


महाराजा चाप की स्थापना खाद्य प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख नाम अमित यादव ने की थी, जिन्हें खाद्य प्रसंस्करण में 5 वर्षों से अधिक का अनुभव है। सीईओ अमित यादव अपने उत्पादों के ब्रांड विस्तार के पीछे सराहनीय सफलता के साथ जबरदस्त प्रयास कर रहे हैं। ब्रांड, भोजन की गुणवत्ता और निर्माण की प्रक्रिया को बरकरार रखते हुए, लोगों को स्वास्थ्य और स्वाद लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी को उनके उत्कृष्ट मानकों के लिए आईएसओ 2200:2005 प्रमाणीकरण के साथ विधिवत मान्यता प्राप्त है।

कॉइन डीसीएक्स ने भारत में क्रिप्टो के विकास के लिए बिट्स पिलानी के साथ साझेदारी की

 कॉइन डीसीएक्स ने भारत में क्रिप्टो के विकास के लिए बिट्स पिलानी के साथ साझेदारी की


Or


कॉइन डीसीएक्स ने भारत में क्रिप्टो के सामर्थ्य को समझाने के लिए बिट्स पिलानी के साथ साझेदारी की






कॉइन डीसीएक्स की व्यापक क्रिप्टो शिक्षा पहल के बाद हुई साझेदारी, भारत में क्रिप्टो के बारे में अधिक समझ पैदा करेगी और इसे अपनाने को प्रोत्साहित करेगी 


नई दिल्ली, भारत - 8 मार्च 2022 - भारत के पहले क्रिप्टो यूनिकॉर्न और देश के सबसे सुरक्षित क्रिप्टो एक्सचेंज, कॉइन डीसीएक्स ने आज भारत के एक अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थान, बिट्स पिलानी, पिलानी कैंपस के कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के साथ अपने महत्वपूर्ण रिसर्च प्रोजेक्ट पार्टनरशिप की घोषणा की, ताकि भारत के छात्र समुदाय में क्रिप्टो अनुसंधान, विकास और इनोवेशन में मदद मिल सके। यह साझेदारी 2020 में भारत के सबसे व्यापक लर्निंग रिसोर्स प्लेटफॉर्म – डीसीएक्स लर्न के लॉन्च के बाद हुई है, ताकि भ्रामक सूचनाओं का मुकाबला किया जा सके और विशेष तौर पर जब क्रिप्टो मुख्यधारा में आ रहा है और इसका महत्व बढ़ रहा है, उभरती टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को लेकर जागरूकता पैदा की जा सके।


कॉइनडीसीएक्स के सीईओ और सह-संस्थापक सुमित गुप्ता ने कहा कि "ब्लॉकचेन और क्रिप्टो उच्च प्रगति के लिए, और भारत जैसी डिजिटल रूप से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं के विकास की गति को सुपरचार्ज करने के लिए के लिए महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती हैं। यदि इसे फलने-फूलने का अवसर मिले तो यह टेक्नोलॉजी लोगों और व्यवसायों के जीवन में सुधार लाकर वास्तविक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने की व्यापक क्षमता रखती है। बिट्स के पिलानी कैंपस में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के साथ अपनी रिसर्च पार्टनरशिप के जरिए हम भारत में क्रिप्टो इनोवेशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं और देश के ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में वैल्यू एड करना चाहते हैं, जिसमें एकेडेमिया की बड़ी भूमिका रहेगी।”


अनुसंधान पहल में कॉइन डीसीएक्स और कंप्यूटर सांइस डिपार्टमेंट स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और डीएप्स डेवलपमेंट सहित ब्लॉकचेन और क्रिप्टो के क्षेत्र में अनुसंधान और शिक्षा परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे। अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में बिट्स पिलानी, पिलानी कैंपस की फैकल्टी की साख और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में कॉइन डीसीएक्स की तकनीकी जानकारी और विशेषज्ञता से लाभ उठाते हुए, संयुक्त पहल दो प्रमुख मुद्दों यानी ब्लॉकचेन साक्षरता और अनुसंधान में विकेंद्रीकृत प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह पहल भारत में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन तकनीक की समझ और जानकारी को बढ़ाने के लिए कॉइन डीसीएक्स के समग्र रणनीतिक फोकस के साथ भी जुड़ी हुई है। एक वर्ष की अवधि में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में 100 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किए जाने की उम्मीद हैए और इसके अलावा पारस्परिक रूप से सहमत विषयों पर श्वेतपत्र के रूप में शैक्षिक सामग्री भी तैयार की जाएगी।

 

कॉइनडीसीएक्स के साथ सहयोग के लिए रिसर्च के लिए नियुक्त, फैकल्टी-इन-चार्ज और बिट्स पिलानी, पिलानी कैंपस में कंप्यूटर साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमित दुआ ने कहा कि "रिसर्च लैब ब्लॉकचेन और क्रिप्टो के अधिक उपयोग के मामलों की पहचान करने और भारत को इस फिनटेक क्रांति में सबसे आगे रखने में मदद करेगी। हमें खुशी है कि यह साझेदारी हमारे छात्रों को ब्लॉकचेन और क्रिप्टो के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने में मदद करेगी।"


कॉइन डीसीएक्स के सह-संथापक नीरज खंडेलवाल ने कहा कि "वर्तमान में भारतीय बाजार में क्रिप्टो उद्योग के लिए एक अद्वितीय अवसर मौजूद है, फिर भी इसकी पूरी क्षमता का दोहन नहीं किया गया है। भारत में क्रिप्टो के प्रमुख पैरवीकार के रूप में, कॉइन डीसीएक्स ब्लॉकचेन और संबंधित वेब 3 टेक्नोलॉजी के विकास और परिपक्वता का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। डीसीएक्स लर्न के साथ हमारे प्रयास और रेग्यूलेटर्स के साथ नीति के लिए की जा रही हमारी पैरवी के अलावा, बिट्स पिलानी, पिलानी कैंपस के साथ हमारी अभी हाल में हुई साझेदारी, क्रिप्टो को व्यापक मुख्यधारा में लाने के मामले में, भारत में डिजिटल एसेट इनोवेशन को मजबूती प्रदान करेगी।"


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कॉइन डीसीएक्स के बारे में

कॉइन डीसीएक्स भारत का पहला क्रिप्टो यूनिकॉर्न और देश का सबसे सुरक्षित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है। उपयोगकर्ताओं के अनुभव और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, कॉइन डीसीएक्स जीरो फीस के साथ क्रिप्टो रूपांतरणों के लिए तत्काल फ़िएट प्रदान करता है, ताकि उपयोगकर्ता उद्योग-अग्रणी सुरक्षा प्रक्रियाओं और बीमा सुरक्षा द्वारा समर्थित वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के विविध रूपों तक पहुंच बना सकें।

भारतीय उभरते तकनीकी क्षेत्र में अपने योगदान के लिए मान्यता प्राप्त और सम्मानित, कॉइन डीसीएक्स को निवेशकों का समर्थन प्राप्त है जिनमें पॉलीचैन कैपिटल, टेमासेक, बैन कैपिटल वेंचर्स और बिटमेक्स के ऑपरेटर एचडीआर ग्रुप शामिल हैं। कॉइन डीसीएक्स आईएसओ प्रमाणित है और पूरी तरह से केवाईसी/एएमएल का अनुपालन करता है।

सुरक्षा और सुरक्षा के साथ इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कॉइन डीसीएक्स ने दुनिया के सबसे भरोसेमंद क्रिप्टो कस्टोडियन बिटगो के साथ साझेदारी की है, ताकि उपयोगकर्ताओं के क्रिप्टो फंड गो ऐप पर पूरी तरह से सुरक्षित और बीमाकृत सुनिश्चित किये जा सकें। इसके अलावा, कॉइन डीसीएक्स ने उपयोगकर्ताओं को यूजर आइडेंटिफिकेशन फ्रॉड से बचाने के लिए ऑनफिडो के साथ साझेदारी भी की है।


डीसीएक्स लर्न के बारे में 

कॉइनडीसीएक्स की एक पहल, डीसीएक्स लर्न, क्रिप्टो के बारे में मुफ्त, उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक और व्यावहारिक सामग्री प्रदान करने वाला एक अग्रणी शिक्षण मंच है। यह नए उपयोगकर्ताओं और अनुभवी निवेशकों के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है, जो क्रिप्टो-केंद्रित परियोजनाओं और पहलों के बारे में गहरी समझ विकसित करना चाहता है। समावेशी शिक्षा के दृष्टिकोण के साथ, इस एकेडमी की स्थापना 2020 में की गई है जो 80,000 से अधिक शिक्षार्थियों को अंग्रेजी और सांकेतिक भाषा में पाठ्यक्रम प्रदान करता है।


अधिक जानकारी के लिए dcxlearn.com देखें। 


अधिक जानकारी के लिए https://coindcx.com/ देखें।

Tuesday, March 8, 2022

*Empowering women, empowering nations* #Breakthebias

 Be the change you wish to see in the world. Mahatma Gandhi’s words couldn’t have been more apt for women in the current age. Since ages, women have been considered the weaker sex, less competent than their male counterparts. But now, some women are leading the charge and excelling in the male dominant professions, whether it is working in the factories, flying a fighter jet or joining the army. 


Look at women of Madhya Pradesh—a 24-year-old Savita, a tribal girl from Chhatarpur districtwho joined the Indian army; when she returned to her village, she was greeted with garlands and patriotic songs; Another noted Hindi writer, Dr Swati Tiwari, a Bhopal-based author, received the 'National Ladli Media and Advertising Award for Gender Sensitivity' for her book on the lives of widows of Bhopal gas tragedy.While men have dominated sports for decades, many women, especially from the interiors of India have shown that with support and passion, a lot can be achieved., for example, a 22-year-old, Pooja Vastrakar from Bhilaspur,is batting her way as a cricketer. 


It is often said, if you educate a woman, you educate entire family. Women across socio-economic classes are realising the importance of education and skill training. They know that it can make a difference between social mobility and a lifetime of poverty. To help women achieve their rightful status in the society, Chief Minister Shri Shivraj Singh Chouhan has launched several campaigns such as the Chief Minister Empowerment Scheme which is aimed at helping women in distress to become self-reliant and support themselves as well as their families by linking them with skill training programs. Another important initiative is the Didi vehicle service scheme which has been started by the women of Rural Livelihood Mission in the tribal-dominated Jhabua district of the state.


To encourage start-ups by women, the government has introduced the Start-up Policy and Implementation Plan, wherein an additional 20 percent assistance is being provided to start-ups set up by women. The One stop centers are being operated in all 52 districts of the state to provide shelter, counselling, medical aid, legal aid and police assistance to the women victims of violence. 

Talking about mining and the opportunities it offers, women are still underrepresented, but the sector does offer opportunities to hire and retain women.Hindustan Zinc Ltd operations is witnessing women involvement in big way from breaking grounds to breaking barriers, it has India’s 1st woman Mine Manager, and India’s 1st woman with First Class certificate in both ‘restricted’ and ‘unrestricted’ category for operation and management of both open cast and underground mines.


The upcoming Bunder Diamond Project, a step towards Atma Nirbhar Bundelkhand, will provide hundreds of jobs to the locals, including youth and women.The project holds a promise to contribute more than Rs 28,000 crores to the government exchequer and economic activities of about Rs 40,000 crores in the region apart from providing employment opportunities. Along with the economic development due to the project, the Bunder Diamond Project will also focus on the social impact through their CSR activities. 


Many organisations have imparted education, skill development and trained women on various initiatives under the CSR ambit. For example, Jeevan Jyoti by Sterlite, Salon-i by Godrej, Project Sahki by Hindustan Zinc Limited and women empowerment initiatives by the Aditya Birla Group, are examples of positive impact on women in the regions where projects have come up. 


As we take a look back at the achievements of Indian women who have inspired generations, women should be celebrated not just on International Women’s Day but throughout the year. Cheers to the Outliers who manage to swim against the tide!


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*बापू गांधी ने कहा था "खुद में वे बदलाव लाइए, जो आप दूसरों में देखना चाहते हैं।*

 महात्मा गाँधी के इन शब्दों को चरितार्थ कर विकास की हर कसौटी पर आज की आत्मनिर्भर महिलाएं खरी साबित हुई हैं। सदियों से महिलाओं को पुरुषोंकी तुलना में कमजोर और अबला बता दिया जाता था। लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं, आज की सबल महिलाएं अपने जीवन की कमान खुद संभाले हुए हैं, वे ऐसी भूमिकाओं में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं, जहां कभी पुरुषों का बोलबाला था। चाहे वह कारखानों में काम करना हो, लड़ाकू जेट उड़ाना हो या सेना में भर्ती होना।


मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की 24 वर्षीय सविता भारतीय सेना में शामिल होकर जब अपने गांव लौटी, तो उसका स्वागत माला और ढोल-नगाड़ों के साथ बजते देशभक्ति के गीतों से हुआ। भोपाल की एक अन्य प्रसिद्ध हिंदी लेखिका डॉ स्वाति तिवारी ने भोपाल गैस त्रासदी की विधवाओं के जीवन पर किताब लिखकर ‘नेशनल लाडली मीडिया एंड एडवरटाइजिंग अवॉर्ड फॉर जेंडर सेंसेटिविटी’ जीता। जहां, पुरुषों का दशकों से खेलों पर वर्चस्व रहा है, वहीं विशेष रूप से भारत के गांवों-कस्बों में रहने वाली महिलाओं ने दिखाया है कि पूरे जुनून के साथ कोई काम किया जाए तो बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, शहडोल जिले की 22 वर्षीय पूजा वस्त्राकर क्रिकेट की दुनिया में बल्लेबाज के तौर पर नाम कमा रही हैं। ऐसे अनगिनत नाम हैं जिन्होंने विषम परिस्थितियों में अपने जज्बे से समाज और परिवार की दिशा और दशा बदली है।


अक्सर कहा जाता है कि अगर आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं। सामाजिक-आर्थिक वर्गों की महिलाएं शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के महत्व को पहचाना है। वे जानती हैं कि शिक्षा का पुल बनाकर पिछड़ेपन की खाई को पाटा जा सकता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंहचौहानने समाज में महिलाओं को उनका उचित दर्जा दिलाने में मदद करने के लिए महिला सशक्तिकरण के कई अभियान शुरू किए हैं, जिसका उद्देश्य वंचित महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनने में मदद करना और स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार को आगे बढ़ाना है। 


एक अन्य महत्वपूर्ण पहल दीदी वाहन सेवा योजना है जिसे राज्य के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं द्वारा शुरू किया गया है। महिलाओं में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने स्टार्ट-अप नीति और कार्यान्वयन योजना शुरू की है, जिसमें महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप को अतिरिक्त 20 प्रतिशत सहायता प्रदान की जा रही है। हिंसा की शिकार महिलाओं को आश्रय, परामर्श, चिकित्सा सहायता, कानूनी सहायता और पुलिस सहायता प्रदान करने के लिए राज्य के सभी 52 जिलों में वन स्टॉप सेंटर संचालित किए जा रहे हैं।



उद्योग क्षेत्र और इससे मिलने वाले अवसरों की बात करें तो महिलाओं का प्रतिनिधित्व हमेशा से ही कम रहा है, हालांकि अब यह क्षेत्र भी महिलाओं को काम पर रखने और नए अवसर देने की ओर बढ़ रहा है। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के संचालन में महिला भागीदारी धारणाओं को तोड़ रही है। 








यह भारत की पहली महिला मैनेजर के नेतृत्व वाली खदान है। आगामी बंदर डायमंड परियोजना आत्मनिर्भर बुंदेलखंड की ओर एक कदम है जो युवाओं और महिलाओं सहित स्थानीय लोगों को सैकड़ों रोजगार प्रदान करेगी। इस परियोजना में सरकारी खजाने में लगभग 28, 000 करोड़ के योगदान सहित क्षेत्र में लगभग 40, 000 करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियों होगी, जिससे रोजगार के अवसर मिलेंगे। परियोजना के कारण आर्थिक विकास के साथ-साथ बंदर डायमंड प्रोजेक्ट अपनी सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक प्रभाव पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।


कई संगठनों ने सीएसआर के दायरे में विभिन्न पहलों से महिलाओं में शिक्षा और कौशल विकास को आगे बढ़ाया है। उदाहरण के लिए, स्टरलाइट द्वारा जीवन ज्योति, गोदरेज द्वारा सैलून-आई, हिन्दुस्तानजिंक लिमिटेड द्वारा प्रोजेक्ट सखी और आदित्य बिड़ला समूह द्वारा महिला सशक्तीकरण की पहल, उन क्षेत्रों में महिलाओं में सकारात्मक बदलाव की उदाहरण हैं जहां परियोजनाएं शुरू हुई हैं।


ऐसे में भारतीय महिलाओं की उपलब्धियों पर एक नज़र डालें तो लगता है कि वे पीढ़ियों को प्रेरित कर रही हैं। महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न न केवल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बल्कि पूरे वर्ष चलते रहना चाहिए। 

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मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए पहल और लाभ

ऽ महिला एवं बाल विकास विभाग -विशेष पोषाहार आहार योजना के लिए 1450 करोड़ रुपए का प्रावधान

ऽ आंगनबाड़ी सेवाओं के लिए 1272 करोड़ रुपए का प्रावधान

ऽ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय हेतु 870 करोड़ रुपए का प्रावधान

ऽ प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के लिए 196 करोड़ रुपए का प्रावधान

ऽ राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए 155 करोड़ रुपए का प्रावधान  

ऽ लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए वर्ष 2021-22 में 922 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

एसीसी की निर्माण सलाहकार पहल के जरिये हजारों राजमिस्त्रियों, ठेकेदारों और घर बनाने वालों को प्रदान की गई तकनीकी सहायता

 एसीसी ने अपनी निर्माण सलाहकार पहल के तहत घर बनाने वालों, राजमिस्त्रियों और ठेकेदारों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया एक महत्वपूर्ण कदम • ए...