Wednesday, July 31, 2019

तिस्‍वा ने एनसीआर में अपनी उपस्थिति बढ़ाई, कीर्ति नगर में खोला लाइटिंग स्‍टूडियो

Latest Tisva Store in Kirti Nagar, New DelhiMr. Vikas Gandhi, Senior Vice-President – Lighting and Premium Fans, Usha International


इस स्‍टूडियो में प्रीमियम लाइटिंग समाधानों की पेशकश की जाएगी


नई दिल्‍ली, जुलाई 31,2019ऊषा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रीमियम लाइटिंग ब्रांड तिस्‍वा ने आज पश्चिम दिल्‍ली के केंद्र कीर्ति नगर में अपने नए आउटलेट का शुभारंभकिया। कंपनी ने राष्‍ट्रीय राजधानी में अपनी उपस्थिति सुदृढ़ कर ली है। 2000 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैले, नए तिस्‍वा स्टूडियो में अनूठे और प्रीमियम लाइटिंग सॉल्यूशन्‍स के व्‍यापक कलेक्‍शन की पेशकश की जाती है और यहां ग्राहकों की व्‍यक्तिगत लाइफस्‍टाइल जरूरतकं भी पूरी की जाती हैं। इस स्टूडियो में इन-शॉप कस्‍टमाइज्‍ड एक्‍सपीरिएंस जोन में ट्यूनेबिलिटी और डिमेबिलिटी सहित नवीनतम लाइटिंग कॉन्‍सेप्‍ट को प्रदर्शित किया जाएगा।


इस अवसर पर विकास गांधी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-लाइटिंग एंड प्रीमियम फैन्‍स, ऊषा इंटरनेशनल ने कहा, "मौजूदा समय में ग्राहक प्रीमियम विकल्‍पों की मांग करते हैं और कीर्तिनगर में इस स्‍टोर ने हमें शहर के केंद्र में पहुंचा दिया है जहां वृद्धि का असीम सामर्थ्‍य है। यहां उपलब्‍ध कलात्‍मक रूप से तैयार की गई तिस्‍वा की ल्‍यूमिनरीज की रेंज अंतर्राष्‍ट्रीयगुणवत्‍ता एवं सेवा मानकों द्वारा समर्थित नवीनतम वैश्विक लाइटिंग ट्रेंड्स को परिलक्षित करती है। इस लॉन्‍च के साथ, तिस्‍वा के अब देश भर में 13 लाइटिंग स्‍टूडियोज, 50+ लाइटिंग बुटीक और 1000 से अधिक रिटेलर्स हो गए हैं।”


हरीश डांग, मालिक, बालक राम बनारसी दास एंड संस और फ्रैंचाइजी पार्टनर-तिस्‍वा, कीर्ति नगर ने कहा, “दिल्‍ली का विकास बहुत तेज गति से हो रहा है और यहां घरों एवं बिजनेस के लिए प्रीमियम लाइटिंग समाधानों की काफी मांग है। तिस्‍वा के साथ साझेदारी करना हमारे लिए सम्‍मान की बात है जोकि एक पसंदीदा प्रीमियम लाइटिंग सॉल्‍यूशन ब्रांड है।”


तिस्‍वा लाइटिंग स्टूडियो आर्किटेक्‍चरल एवं डेकोरेटिव में उत्‍पादों की संपूर्ण श्रृंखला पेश की जाती है जिसमें  अत्‍याधुनिक डिमेबल स्‍पॉटलाइट्स व डाउन लाइट्स, जापानी तकनीक वाली इनोवेटिव एलिसियन शामिल हैं, जो आपकी पसंद के रंग की रौशनी निर्मित करती है। इन्‍हें वार्म यलो से कूल व्‍हाइट  में बदला जा सकता है। यह ग्राहकों को उनकी जरूरत के अनुसार लाइटिंग कलर चुनने की अनुमति देती है। इसके अतिरिक्त, तिस्‍वा के नवीनतम सिग्‍नेचर स्प्रिंग कलेक्‍शन, और खूबसूरती से हाथ से तैयार किए गए असफ़ोर, इजिप्टियन, क्रिस्टल और मुरानो ग्लास ल्‍यूमनरीज भी स्‍टोर पर उपलब्‍ध होंगी । तिस्‍वा उत्पादों की विविध रेंज में एम्बिएंट लाइटिंग कॉन्‍सेप्‍ट्स, एलईडी डिजाइनर रेंज, झूमर, टेबल और फ्लोर लैंप, वॉल लाइट्स, पेन्डेंट्स, डिजाइनर स्पॉटलाइट्स और यूटिलिटी लाइटिंग प्रॉडक्ट्स शामिल हैं जोकि हर जरूरत के अनुकूल है।


तिस्‍वा के विषय में


त्विसा (प्रकाश) और तत्व (सार) की अवधारणा से प्रेरित, तिस्‍वा को अप्रैल 2014 में लॉन्च किया गया था। अपने नाम के अनुरूप तिस्‍वा सामान्य लाइटिंग कॉन्‍सेप्‍ट सेकाफी अलग है। इसके द्वारा समकालीन घरों को रोशन करने के लिए प्यार के साथ डिजाइन किए गए खूबसूरत एवं समकालीन लाइट्स की पेशकश की जाती है। तिस्‍वाषा इंटरनेशनल लिमिटेड के विविध पोर्टफोलियो में एक संकलन है। तिस्‍वा के पूरे भारत में 13 एक्सक्लूसिव ला‍इटिंग स्‍टूडियोज हैं, जोकि नई दिल्‍ली, देहरादून,अहमदाबाद, हैदराबाद, बैंगलोर, मुंबई, पुणे, बड़ौदा, चंडीगढ़, जयपुर, इंदौर और जालंधर में स्थित हैं।


ब्रांड के बारे में और जानने के लिए, www.lightsbytisva.comपर लॉग ऑन करें


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आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने मथुरा - उत्तर प्रदेश में अपनी शाखा का शुभारंभ किया

Mathura Branch Pic 1Mathura Branch Pic


मथुरा  जुलाई,31,2019: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने मथुरा, उत्तर प्रदेश में अपनी शाखा का शुभारंभ किया है। इनवेस्टर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स अब म्युचुअल फंडकी सुविधा का लाभ लेफ्ट लोवर ग्राउंड, तेरा टावर के पास अतुल टावर, भूतेश्वर रोड, मथुरा- 281001 में पहुंच कर उठाया जा सकता हैं। 


शाखा का उद्घाटन अशोक शर्मा, प्रेजिडेंट (मथुरा एसोसिएशन 'FAAM' के वित्तीय सलाहकार ), अविनाश कुमार बंसल - सचिव (मथुरा के वित्तीय सलाहकार एसोसिएशन'FAAM) दीपक कुमार अग्रवाल, नारायण दास अग्रवाल, जितेंद्र कुमार अग्रवाल, अजय कुमार अग्रवाल, हरी शंकर, प्रवीण सारस्वत, सुशील तिवारी, सुधीर कुमार शाहनी,धीरेंद्र कुमार वार्ष्णेय, मनोज गौड़ और 'फाम' के अन्य सदस्यों ने किया।


इस अवसर पर बोलते हुए, श्री देवेश त्रिवेदी रीज़नल हेड आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड उत्तराखंड ने कहा“हम मथुरा में अपनी  शाखा का उद्घाटन करके प्रसन्नहैं। म्यूचुअल फंड हाउस के रूप में, हम अपने ग्राहकों के लिए सरल और सुलभ वित्तीय समाधान तैयार करना चाहते हैं। इसके अलावा, हम निश्चित हैं कि हमारी उपस्थितिस्थानीय रूप से हमें बेहतर कनेक्ट करने में मदद करेगी, बाजार की संभावनाओं पर साथ आएगी और उत्तर प्रदेश में हमारी उपस्थिति बढ़ाने में सहायता करेगी। ”


Rajya Sabha passes Motor Vehicles (Amendment) Bill 2019


Shri Gadkari says the Bill will provide an Efficient, Safe and Corruption Free Transport System in the Country



 




 


Organic Harvest embarks upon new journey on its 6th birthday with its new campaign ‘Fix with Six’

Mr. Rahul Agarwal, CEO, Organic Harvest, Planting Trees


Encourages consumers to practice Organic and Sustainable living for a better tomorrow 


New Delhi, July,31, 2019:Organic Harvest, India's leading organic personal care brand, on the occasion of completing its 6 successful years, announces the start of its campaign '#fixwithsix'. The campaign aims to promote the practice of organic and sustainable lifestyle. This innovative campaign resonates with brand's philosophy of providing a chemical-free organic lifestyle to its consumers.


The home grown brand has become a household name in India with its organic personal care range and believes in crafting products that are organic, safe and are made from plants that are grown without hazardous chemical fertilizers, herbicides or pesticides. Through this ambitious campaign, the brand is celebrating its aspiration to support and promote organic lifestyle and respect for all beings and for Mother Nature.


Celebrating its 6 successful years and launching the campaign, Rahul Agarwal, CEO- Organic Harvestsaid, “We firmly believe that chemicals are for laundry and not for the skin. Organic Harvest is not just a personal care range, it is a lifestyle. We are the pioneers in organic personal care product category and our brand motto is to make this world a better & beautiful place to live in, and what better way to do this, than to live a chemical free life, an organic life. My objective, through Organic Harvest, is to reach every individual and make them aware about the amount of harsh chemicals that not only have harmful effects on them but on the environment as a whole.


Through this campaign, brand is urging people to take a closer look at their consumption patterns and “think beyond, live organic.”It is an anatomy of actionsshowcasing the lifestyle swaps that anyone, anywhere can take to support a more sustainable life.From the food we eat, products we apply to what we spend our money on– there is a suite of actions we can take to support the cultural shifts to adopt organic and sustainable lifestyle.


He also added, “We are extremely thankful to people who have shown confidence in our brand from the past 6 years. It is because of the consumer support that we've reached so far and taken such big initiatives today. This campaign resonates with the brand's philosophy of providing a chemical-free organic experience to its consumers.”


The momentum is contagious, and it's never too late to start. On its 6th birthday, Organic Harvest is encouraging people to adopt 6 simple actions through its exclusive outlets and e-commerce platform – plant trees for Greener planet, use organic personal care products for Green Skin, use reusable cloth/jute bag for shopping, De-digitize to reduce harmful radiation, adopt organic products to reduce chemicals from our living.


Organic Harvest envisions cleaner and greener environment and has been planting trees towards achieving this aim. Through this campaign, the brand wants to further inculcate their belief of a greener environment and encourage its consumers to plant trees.


About Organic Harvest:


Organic Harvest is India's leading organic personal care brand with an entire range of organic personal care products which speak of nature in its purest form. The brand embraces the organic power of plants and its botanical extracts in abundance combined with organic ingredients. The company was brought into existence in June 2013 to promote the concept of safe skin. An intelligent use of plants grown without pesticides and chemicals initiated the name 'Organic Harvest' where products are not just natural, but organic. 


Organic Harvest specializes in hair care, body care and skin care products that are safe and highly effective. To keep the skin miles away from damage, no harsh chemicals are used; instead, the raw materials that are used are certified by Global organizations like EcoCert. The certification is evidence that the raw materials used for manufacturing Organic Harvest products are derived from plants that have been grown without chemical fertilizers, herbicides and pesticides.


 


इस साल एक खास श्रावण, क्योंकि बिग गंगा ने इसे भोजपुरी इंडस्ट्रीप के सितारों के साथ मनाया


फोक सिंगर्स और भोजपुरी कलाकारों को ऑन-ग्राउंड इवेंट मस्ती मलंग जय बाबा बैजनाथ के टेलीवाइज्ड वर्जन में विशेष प्रस्तुतियां देते हुए देखिए, 5 अगस्त  को रात 8 बजे

पटना/रांची, जुलाई 31, 2019: एक के बाद एक उत्सव और अपनी अनूठी पेश के लिये खासतौर से जाना जाने वाला, जी एंटरटेनमेन्ट एंटरप्राइज लिमिटेड का नंबर 1 भोजपुरी चैनल, बिग गंगा ने श्रावण के पावन मास का उत्सव मनाया। उन्होंने 'मस्ति मलंग जय बाबा बैजनाथ' की संगीतमय प्रस्तुति के साथ इसे मनाया। देवघर के भक्तो के बीच मनाये जा रहे इस कार्यक्रम में भोजपुरी इंडस्ट्रीज के सितारों की भक्तिमय प्रस्तुति और जयकारे से इस उत्सव का सही रूप प्रस्तुत किया गया। खेसारी लाल यादव-एक्टर तथा गायक रितेश पाण्डेय-एक्टर तथा सिंगर अजीत आनंद- एक्टर तथा सिंगर मोहन राठौर- सिंगर, ममता राउत- सिंगर मनोहर- सिंगर, अपने भक्ति गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले हैं। यह ऑन-ग्राउंड कार्यक्रम 30 जुलाई को होगा और टेलीविजन पर इसका प्रसारण 5 अगस्त को रात 8 बजे, बिग गंगा पर दो घंटे के लिये किया जायेगा। 

मशहूर भोजपुरी भक्ति गीतों के साथ, बिग गंगा अपने ऑन-ग्राउंड कार्यक्रम के माध्यम से देवघर में पूजा-अर्चना करने आये 10 मिलियन से भी ज्यादा भक्तों के साथ जुड़ा।यह एक धार्मिक स्थान है, जोकि भगवान शिव से जुड़ा है। काजल राघवानी, निधि झा, गुंजन पंत, अंजना सिंह और अभिनेता यश कुमार जैसी भोजपुरी इंडस्ट्री  की जानी-मानी हस्तियों की खास पेशकश के साथ यह उत्सव एक भव्य प्रस्तुित होने वाली है। यह सिर्फ ऑन-ग्राउंड कार्यक्रम तक सीमित नहीं होगा, दर्शकों को श्रावण के पावन महीने में देवघर से सीधे उनके टेलीविजन सेट पर इस भव्य प्रस्तुति का आनंद उठाने का मौका मिलेगा। 

इस उत्सव के बारे में बताते हुए, बिग गंगा के बिजनेस हेड अमरप्रीत सिंह सैनी ने कहा, ''त्योहारों का ना केवल हमारी संस्कृति में खास महत्वं है, बल्कि यह हम सबको एक सूत्र में बांधता है। अपने ऑन-ग्राउंड कार्यक्रम 'मस्त मलंग जय बाबा बैजनाथ' के साथ, हमारा लक्ष्यं सबको एक ही प्लेटफॉर्म पर लाकर इस त्यो'हार के मूल अर्थ को बरकरार रखना है। इतनी बड़ी संख्या में भागीदारी देखकर बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। दर्शकों के साथ-साथ सितारों का उत्साह देखने लायक है। हमें उम्मीेद है कि जो दर्शक इस उत्सव का हिस्सा नहीं बन पा रहे, वे लोग अपने परिवारों के साथ टेलीविजन स्क्रीन पर इसका मजा ले सकते हैं। 

फ्री डिश और अन्य अग्रणी वितरण नेटवर्क (एयरटेल डी2एच, टाटा स्का्य, डिश टीवी) में इस चैनल का एक खास स्थान होने के साथ, यह प्रस्तुति इस क्षेत्र में भोजपुरी भाषी दर्शकों की बढ़ती संख्या की चाहत को पूरा करेगी। यह बात स्पष्ट है कि धर्म और त्योहारों का दर्शकों के दिलों-दिमाग पर राज है, ऐसे में इस कार्यक्रम को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह शानदार अपील के साथ एक मनोरंजक पैकेज है। 


FHRAI Clarifies Stance On Banana Row, Says Hotel Conduct Was NOT Illegal Issues Advisory To Members For Avoiding Similar Situations In The Future

 


Mumbai, July 31, 2019: In the light of a recent incident concerning a guest being billed Rs.442/- for two bananas at a five-star hotel, the Federation of Hotel & Restaurant Associations of India (FHRAI) has clarified that the hotel has not done anything illegal. It also reiterated that charging 18 per cent GST was a legal requirement incumbent upon the hotel.


“Chain hotels have presence across several cities and follow Standard Operating Procedures (SOPs). We need to understand that the hotel is not engaged in the sale and purchase of fruits and vegetables but it provides service of accommodation as well as restaurant service which include supply of food and beverages to its guests. Unlike a retail store where bananas can be purchased at market price, a hotel offers service, quality, plate, cutlery, accompaniment, sanitized fruit, ambience and luxury and not the commodity alone. A coffee available at ten rupees at a roadside stall could be served at Rs.250 in a luxury hotel,” says Mr Gurbaxish Singh Kohli, Vice President, FHRAI.


FHRAI also clarified that the hotel has done the right thing by charging 18 per cent GST on F&B served in the hotel premises. GST laws are not optional, but are to be charged to the customer and passed on to the Government as per provisions of the law. It further stated that the rate for supply of services including goods by a restaurant is 9 per cent CGST and 9 per cent UT GST. It stated that the hotel has correctly charged the Goods & Service Tax (GST) on the bill which was legally payable by the customer.


“Food served within the premises of a hotel with a declared tariff for accommodation of Rs.7500/- per day and above is chargeable under Services Accounting Code 9963 at the rate of 9 per cent CGST and 9 per cent UT GST. So, while bananas, or other unpacked fruits, are outside purview of GST at a retail store, when served in a restaurant or hotel, whether as a fruit platter or a whole fruit, as per existing GST laws a levy of 18 per cent is applicable. This is what the laws demand of us, and we don't have a say in the matter,” says Mr Pradeep Shetty, Jt. Honorary Secretary, FHRAI.


However, the apex hospitality body has issued an advisory to its members on ways to handle such situations where a guest may have ordered eatables, including fruits from outside the menu.


“Our immediate concern is conflict resolution and for such a situation to not repeat. We do not wish for guests to experience a situation like this and are deliberating on possible measures that hotels could take. We will advise our members to sensitize the staff on the subject and will advise precautionary measures to avoid such happenings in the future,” concludes Mr. D V S Somaraju, Hon Treasurer, FHRAI.


About Federation of Hotel & Restaurant Federations of India (FHRAI):


The Federation of Hotel & Restaurant Federations of India (FHRAI) is the apex body of the Indian Hospitality industry. Founded in 1955, the Federation has diligently built on its rich legacy and is today privileged to serve as the leading voice of our industry and plays a seminal role in supporting the growth trajectory of India's hospitality and tourism sector. FHRAI provides a vibrant interface between the industry, government, regulatory bodies, academia, international organizations, civil society and the media.


Make this Friendship’s day special for your first ever friends - your parents by gifting Carvaan – a gift they deserve


Mumbai, 31st July 2019: Since years, friendship day has been celebrated among peers. This year why not make a difference! Often we forget that the first laughter or pain we shared was with our parents. So why not extend the celebration of the day with our families too. Let's make this friendship day special for our first friends we ever made with Saregama Carvaan!


Saregama Carvaan is a product designed to appeal older generation who want to enjoy evergreen melodies without getting into hassle of buffering or technical struggle. In terms of features, Carvaan comes with pre-loaded 5000 retro songs from legendary artists like Lata Mangeshkar, Mohammed Rafi and Kishore Kumar among others. One can switch to songs based on mood or categories like spiritual, Sufi, Film Instrumental or Hindustani Classical. The Saregama Carvaan also stores 'Geetmala ki Chaon Mein', a journey of Bollywood songs from 1952 to 2000, complete in 50 volumes, narrated by Ameen Sayani. It also allows you to enjoy your personal collection of songs by plugging in a USB drive or running songs from your phone via Bluetooth. The price range of Carvaan starts at Rs 5,990/-


The classic look in addition with its rich content, convenience and utility, makes Saregama Carvaan a perfect reason to gift to your parents to send them on a trip to nostalgia!


Log in to www.Saregama.com and book a Carvaan for your parents today! We will gift wrap it for you at no additional cost to make the occasion even more special.


पंचायतों की मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया 9 सितम्बर तक स्थगित


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019,

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य 9 सितम्बर, 2019 तक के लिये स्थगित कर दिया गया है। पूर्व में यह प्रक्रिया 31 जुलाई तक के लिये स्थगित की गई थी। राज्य शासन द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के वार्डो/निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन एवं निर्धारण की अंतिम तिथि बढ़ाकर 9 सितम्बर करने के कारण मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य स्थगित किया गया है।


 


 

मंत्री श्री आरिफ अकील ने विदा किये हज यात्री 


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019, 

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री आरिफ अकील ने आज नागपुर एयरपोर्ट से प्रदेश के हज यात्रियों को जेद्दा के लिये विदा किया। श्री आरिफ ने नागपुर में हज हाऊस पहुँचकर हज यात्रियों से दुआओं की दरखास्त की और फिर एयरपोर्ट पर उन्हें विदाई दी।


प्रदेश के सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और डिण्डोरी जिले के 253 हज यात्री आज जेद्दा यात्रा पर रवाना हुए।


 


 

शहरी पेयजल तथा सीवरेज प्रबंधन के लिये 838 करोड़ स्वीकृत: मंत्री श्री जयवर्धन सिंह

मंत्री श्री जयवर्धन सिंह


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019,

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह ने कहा है कि शहरी अधोसंरचना में स्वच्छ पेयजल तथा सीवेज प्रबंधन को प्रमुखता दी गयी है और कि इसके लिये विभागीय बजट में 838 करोड़ 19 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।


मंत्री श्री सिंह ने बताया कि शहरी अधोसंरचना निर्माण के लिये वांछित राशि की व्यवस्था के लिये केन्द्र और राज्य शासन के वित्तीय संसाधनों के साथ ही विश्व स्तरीय वित्त पोषक संस्थाओं से सहायता ली जा रही है। वर्ल्ड बैंक से लगभग 1080 करोड़, ए.डी.बी. से 5400 करोड़ और के. एफ. डब्ल्यू. से 525 करोड़ रूपये के ऋण/अनुदान अनुबंध किये गये हैं।


नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 66 नगरों में पेयजल के 2682 करोड़ और 19 नगरों में सीवरेज के 925 करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं। नर्मदा नदी के तटीय 16 नगरीय निकायों में 707 करोड़ के सीवरेज के कार्य अभी चल रहे हैं।


रूस के माउंट एलब्रुस में लहराएगा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का झण्डा


पर्वतारोही मेघा परमार होंगी अभियान की ब्रांड एम्बेसडर 


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019, 

जल्द ही रूस के 18 हजार 510 फीट ऊचे माउंट एलब्रुस में मध्यप्रदेश का "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" का झण्डा लहरायेगा। माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही कुमारी मेघा परमार को महिला बाल विकास द्वारा अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है। मेघा परमार "ट्रस्ट मी" - ''बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ'' का झण्डा लेकर 2 अगस्त को माउंट एलब्रुस पर चढ़ाई करेंगी। कुमारी मेघा इस अभियान के माध्यम से माता-पिता को अपनी बेटियों पर भरोसा करने का संदेश देंगी।


कुमारी मेघा परमार ने प्रमुख सचिव महिला बाल विकास श्री अनुपम राजन से मुलाकात कर उन्हें अभियान की जानकारी दी। श्री राजन ने कुमारी मेघा को माउंट एलब्रुस पर विजय हासिल करने के लिये शुभकामनाएँ दी। उन्होने कहा कि कुमारी मेघा बेटियों के लिये नई प्रेरणा स्त्रोत बनकर उभरी है। श्री राजन ने कहा कि इस अभियान के लिये विभाग उनकी हर सम्भव मदद करेगा।


 


 

हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स में सेवायें देंगे 3850 एम.पी.डब्ल्यू.


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी 


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के 3 हजार 850 बहुउद्देश्यी पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एम.पी.डब्लू.) हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स में सेवायें देंगे। मिशन संचालक एन.एच.एम. श्रीमती छवि भारद्वाज ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को जिलों में पदस्थ कार्यकर्ताओं को यह दायित्व यह सौंपने के लिए निर्देशित किया है।


एम.पी.डब्लू. को आशा कार्यकताओं द्वारा भरे गये सीबेक फार्म्स को कैन्सर, हाइपर टेंशन, बी.पी., शुगर आदि एन.सी.डी.(नॉन कम्युनिकेबिल डिसीज)बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिये एन.सी.डी.एप में जानकारी दर्ज करना, लक्षित समूह को चिन्हित करना और उपचार के लिए रैफर करने का दायित्व सौंपा जा रहा है। इस कार्य के लिये उन्हें एन.एच.एम. द्वारा टेबलेट डिवाइजस उपलब्ध कराया जाएगा और प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।


मिशन संचालक द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को शासन के निर्णय से अवगत कराते हुए कहा गया है कि एम.पी.डब्लू.के लिये उप एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एन.सी.डी.कार्य करने का आदेश जारी करें। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स को क्रियाशील करने के लिये चिन्हित उप स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की सूची जिलों को भेजी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी चिन्हित संस्था और वहा दिये गये एम.पी.डब्लू की जानकारी मिशन संचालक को देंगे।


महात्मा गांधी:व्यक्तित्व और विचार फिल्म प्रसंग 


                                                              PIC: Mahatma Gandhi


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019, 

संस्कृति संचालनालय द्वारा 2 और 3 अगस्त को रविन्द्र भवन में ''महात्मा गांधी: व्यक्तित्व और विचार'' फिल्म प्रसंग- किया जा रहा है । प्रसंग में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन पर केन्द्रित चार फिल्मों गांधी, लगान,द मेकिंग ऑफ महात्मा और सत्यकाम का प्रदर्शन होगा। प्रसंग में पहले दिन फिल्म गांधी और दूसरे दिन शेष तीन फिल्म दिखाई जाएंगी। फिल्म प्रदर्शन का समय दोनों दिन शाम 6.30 बजे से रहेगा। प्रवेश नि:शुल्क है।


 


 

राज्यपाल श्री लालजी टंडन का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन्न


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019

श्री लालजी टंडन को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस  रविशंकर झा ने आज मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन परिसर में प्रात: 11 बजे हुआ। मुख्य सचिव श्री एस. आर. मोहंती ने समारोह की कार्यवाही का संचालन किया। राज्यपाल श्री लालजी टंडन को शपथ ग्रहण के बाद गार्ड ऑफ आनर दिया गया। श्री टंडन ने सलामी गारद का निरीक्षण भी किया। समारोह में राज्यपाल के परिवार के सदस्य उपस्थित थे।


शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ, विधान सभा अध्यक्ष श्री एन.पी.प्रजापति, मध्यप्रदेश के लोकायुक्त जस्टिस नरेश गुप्ता, सांसद सुश्री प्रज्ञा सिंह ठाकुर, महापौर श्री आलोक शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री द्वय श्री दिग्विजय सिंह, श्री कैलाश जोशी, नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव, पुलिस महानिदेशक श्री वी.के. सिंह, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, मंत्री-मंडल के सदस्य, विधायकगण, पार्षद, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सेना, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और पत्रकार उपस्थित थे।


आम नागरिकों के लिए राजभवन खुला रखने की व्यवस्था जारी रखने के निर्देश

एक लाख लोगों ने राजभवन भ्रमण कर बनाया था विश्व रिकार्ड


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019

राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने राजभवन को आम नागरिकों के लिए खुला रखने की व्यवस्था को यथावत जारी रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के दौरान गत वर्ष के समान इस वर्ष भी आम नागरिकों को राजभवन अवलोकन की दी गई सुविधा को भी यथावत रखने के लिए कहा है।  उन्होंने कहा है कि आमजन की सुविधा और सहूलियत के अनुसार व्यवस्थाएँ की जायें। श्री टंडन आज राजभवन में अधिकारियों से व्यवस्थाओं संबंधी चर्चा कर रहे थे।


आम नागरिकों के लिए राजभवन आगामी 11 से 16 अगस्त तक पूर्ववत खुला रहेगा। राजभवन 11 से 14 अगस्त तक और 16 अगस्त  को सुबह 11 से रात 10 बजे तक खुला रहेगा। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक ही राजभवन अवलोकन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। राजभवन में दोपहर 2 से शाम 8 बजे तक प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। इस अवधि में राजभवन में प्रवेश नहीं मिलेगा।  इसके बाद रात 8 से 10 बजे तक रोशनी देखने की सुविधा मिलेगी। राजभवन 16 अगस्त को भी सुबह 11 से रात 10 बजे तक नागरिकों के लिए खुला रहेगा। 


वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था में आम नागरिक  के लिए प्रत्येक मंगलवार और गुरूवार को शाम 4 से 6 बजे तक अवलोकन की और विद्यालयों को  छात्र भ्रमण कार्यक्रम के लिए पूर्वानुमति से प्रवेश की सुविधा जारी रहेगी। स्कूली बच्चों के भ्रमण कार्यक्रम के लिए समय और दिवस का कोई बंधन नहीं होने की व्यवस्था भी पहले की तरह रहेगी।


  गत वर्ष राजभवन को अवलोकन के लिये खोले जाने की व्यवस्था का आम नागरिकों ने स्वागत किया था। मात्र 6 दिन में एक लाख से अधिक लोगों ने राजभवन का अवलोकन कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्डस यू.के. लंदन द्वारा इसे विश्व रिकार्ड के रूप में दर्ज कर राजभवन को प्रमाण-पत्र दिया गया है। 



 


 

दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सरकार प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की उपस्थिति में एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर



भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की उपस्थिति में बच्चों के दिल की बीमारी का नि:शुल्क इलाज करने के लिए मंत्रालय में एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं सांई प्रशांति मेडिकल सर्विस एंड रिसर्च फाउंडेशन के बीच यह एम.ओ.यू. हुआ। इस मौके पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसी राम सिलावट भी उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि बालपन में हृदय की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को दिल की बीमारी से मुक्त करने के लिए उनका नि:शुल्क इलाज करवा रही है। इस कार्य में स्वयं सेवी संस्थाओं के जुड़ जाने से निश्चित ही हम प्रदेश के ऐसे सभी बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज करने में सफल होंगे, जो दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं।


आज हुए एम.ओ.यू.के मुताबिक जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों के इलाज के लिये बाल हृदय उपचार योजना में सत्य सांई प्रशांति मेडिकल सर्विसेस एंड रिसर्च फाउंडेशन द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग के साथ नि:शुल्क शिविर लगाया जाएगा। शिविरों के जरिए दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों की पहचान कर उनका नि:शुल्क इलाज किया जाएगा। एम.ओ.यू. के अनुसार फाउण्डेशन से प्रतिवर्ष 1000 बच्चों की हृदय संबंधी बीमारियों का नि:शुल्क इलाज होगा।


एम.ओ.यू. पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से मिशन संचालक सुश्री छवि भारद्वाज एवं फाउंडेशन की ओर से मैनेजिंग ट्रस्टी श्री मनोज भिमानी ने हस्ताक्षर किए। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल उपस्थित थीं।


मिलावटखोरों पर रासुका और जिला बदर की कार्यवाही होगी : मंत्री श्री सिलावट

मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने मिलावट की रोकथाम के लिये वीडियो कांफ्रेंस में दिये निर्देश



भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसी राम सिलावट ने कहा है कि दूध और दूध से बने पदार्थों और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी बेखौफ होकर मिलावटखोर व्यापारियों पर कार्यवाही करें। आवश्यक होने पर रासुका और जिला बदर की कार्यवाही की जाए, जिससे लोग मिलावट करने से डरें। श्री सिलावट ने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को संरक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में यह संदेश जाना चाहिए कि मध्यप्रदेश में मिलावट के खिलाफ अभियान प्रभावी रहा। श्री सिलावट आज मंत्रालय में मुख्य सचिव श्री सुधि रजंन मोहन्ती की अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कांफ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे।


मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने कहा कि मिलावट की बुराई को खत्म किया जाये, नहीं तो यह हमारी आने वाली पीढ़ी को प्रभावित करेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि मिलावट के खिलाफ लगातार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। जिला मुख्यालय के साथ तहसील, विकासखण्ड सहित सभी कस्बों में खादय् सामग्री के नमूने लेकर परीक्षण कराया जाये। मिलावटी सामग्री का परिवहन करने वाले वाहन मालिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जाये।


मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने सभी कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षक सहित नगरीय निकाय एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मिलावट करने वालों के विरूद्ध सक्रिय रहने और परस्पर समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करें और दूध, मावा और दूध से बने अन्य पदार्थों तथा तेल के लगातार सेम्पल लिये जायें तथा कार्यवाही नामजद हो। मिलावट में लिप्त संस्थानों के मालिकों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये जायें। श्री मोहन्ती ने कहा कि मिलावट देशद्रोह-राजद्रोह जैसा अपराध है। इसके विरूद्ध कार्यवाही भी उतनी ही कड़ी होनी चाहिए। मुख्य सचिव ने सतना, राजगढ़, बड़वानी, सागर, कटनी सहित अन्य जिलों से मिलावट के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त की। वीडियो कांफ्रेंस में जिला अधिकारियों से मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं की भी जानकारी ली गई।


प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा के लिये जबलपुर और ग्वालियर में प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा रही हैं। कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेन्द्र श्रीवास्तव उपस्थित थे। कॉफ्रेंस में सभी संभागायुक्त, कलेक्टर्स के साथ पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक भी जिला एनआईसी केन्द्रों में उपस्थित थे।


युवाओं के लिये रोजगारप्रद होना चाहिये कौशल विकास प्रशिक्षण


उद्योगों की जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण देने की रणनीति बनायें- मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 


भोपाल : बुधवार, जुलाई 31, 2019,

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि कौशल विकास प्रशिक्षण तभी सफल है, जब प्रशिक्षित युवा को रोजगार मिले या वह स्वयं का रोजगार स्थापित कर सके। इस सोच को लेकर ही विभाग अपनी प्रशिक्षण नीति बनाए।


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि कौशल विकास एवं रोजगार प्रशिक्षण देने के पहले मध्यप्रदेश में स्थापित उद्योगों और बाहर के उद्योगों से चर्चा कर उनकी आज की और भविष्य की आवश्यकताओं का अध्ययन करें। उसके अनुसार कौशल विकास प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रशिक्षण के बाद बच्चों का भविष्य सँवारना और उन्हें सुनिश्चित रोजगार मिलना होना चाहिये ।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रशिक्षण का मूल आधार रोजगार मिलना है। हमें इसके लिए प्रदेश के हर उस बच्चे का ध्यान रखना है जो शिक्षित है अथवा अशिक्षित है। उसके अनुसार उसे ऐसे ट्रेड में प्रशिक्षित करें, जिसमें रोजगार के अनुसार वेतन मिले। रोजगार भी ऐसी जगह मिले, जहाँ वह मिलने वाले वेतन से सम्मानजनक तरीके से जीवन यापन कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास प्रशिक्षण की रणनीति ऐसी होना चाहिए, जिससे प्रशिक्षित या शिक्षित युवा, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र का युवा बेरोजगार न रहे। उसे उसकी पात्रता के अनुसार काम मिल जाए।


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने अधिकारियों से कहा कि वे रोजगार और स्व-रोजगार के ऐसे क्षेत्रों का पता लगाएं, जहाँ भविष्य में रोजगार मिलना सुनिश्चित हो। साथ ही उन सभी ट्रेडों का प्रशिक्षण देना बंद करें, जो आउटडेटेड हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, सुरक्षा गार्ड, दवा एवं मनोरंजन क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ आने वाले समय में रोजगार की संभावना बढ़ेगी, इस पर विशेष ध्यान दें।


बैठक में प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार श्री प्रमोद अग्रवाल एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


राज्यपाल श्री टंडन से मुख्यमंत्री श्री नाथ की सौजन्य भेंट

राज्यपाल श्री लालजी टंडन से मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज राजभवन में सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पुष्प-गुच्छ भेंट कर अभिवादन किया। 


मुस्लिम महिलाओ के लिए राहत की सांस


विपिन तिवारी" {युवा समाज सेवी भोपाल म.प्र


Bhopal: देश में मुस्लिम समाज को एक बहुत बड़ी कुप्रथा थी मुस्लिम महिलाएं घुट घुट के जीवन व्यतीत कर रही थी तीन तलाक से छुटकारा मिलने से मुस्लिम महिलाओ में खुशी की लहर है और बहुत बड़ी आजादी का दिन है मुस्लिम महिलाओ को बहुत बहुत बधाई हो इस खुशी के पल में "विपिन तिवारी" {युवा समाज सेवी भोपाल म.प्र.}


तीन तलाक़ जाने विस्तार में


Triple Talaq Bill: पीएम मोदी ने कहा, कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिला


National : संसद के दोनों सदनों में तीन तलाक विधेयक पारित हो जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई है और इसे मुस्लिम महिलाओं के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।



प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "एक पुरातन और मध्यकालीन प्रथा आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान तक ही सीमित हो गई है! संसद ने तीन तालक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के साथ किया गया एक ऐतिहासिक गलत कार्य को दुरुस्त किया। यह लैंगिक न्याय की जीत है और इससे समाज में समानता आएगी। आज भारत खुशियां मना रहा है!"


पीएम मोदी ने कहा, "पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।" 


पीएम मोदी ने आगे कहा, "तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है।" 


गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी बधाई



गृह मंत्री अमित शाह ने भी तीन तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम महिलाओं को बधाई दी है। 

गृह मंत्री शाह ने कहा, "ट्रिपल तलाक बिल के पारित होने पर मैं देश भर की मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा मिलने पर बधाई देता हूँ। इस ऐतिहासिक निर्णय से मोदी सरकार ने देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तीन तलाक से उन्हें मुक्ति देकर समाज में सम्मान से जीने का अधिकार दिया है।" 


शाह ने कहा, "मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल 2019 पारित होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे जिससे वे 'न्यू इंडिया' के निर्माण में प्रभावी भूमिका अदा कर सकेगी।"

उन्होंने कहा, "मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है, ट्रिपल तलाक पर बैन इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक को पास करा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने वादे को पूरा कर दिखाया है।" 


 


Yokogawa Recognized with Frost & Sullivan Global Customer Value Leadership Award for Integrated Performance Management


Yokogawa Recognized with Frost & Sullivan Global Customer Value Leadership Award for Integrated Performance Management                                                                   


Yokogawa Electric Corporation (TOKYO: 6841) has received the Global Customer Value Leadership Award for Integrated Performance Management from global market research and consulting company Frost & Sullivan as part of their 2019 Best Practices Awards. Announced on July 29, the award recognizes how Yokogawa'sOpreXTM Profit-driven Operation solution helps customers in the process industries deliver more profitable operations through real-time production performance improvements that are aligned from the management level to the plant floor.


Frost & Sullivan presents Best Practice Awards to companies that have demonstrated outstanding leadership in technology innovation and the strategic development of products and services for regional and global markets. To decide these awards, Frost & Sullivan analysts independently conduct interviews, analyze data, and carry out research in many different fields. For the Global Customer Value Leadership Award, Frost & Sullivan evaluates companies based on several factors that concern the two key aspects of customer and business impact.


The OpreX Profit-driven Operation solution that earned this recognition takes the production performance indicators that are conventionally monitored by plant management on a weekly or monthly basis and breaks them down the technical and operations levels using industry best practices. It then calculates and displays them in real-time by utilizing the big data from the distributed control system (DCS). By providing performance alarms, guidance messages, and a performance balance score, the solution helps operators and engineers stay aligned and promptly improve production performance. In addition, consulting services are provided to uncover more fundamental production performance improvements by referring to the historical production performance indicators recorded over time.


By merging Yokogawa's expertise in operational technology (OT) and Industrial Internet of Things (IIoT) technology with the process industry best practices of its subsidiary KBC, Yokogawa enables production performance optimization over the lifecycle of a customers' plant.


In the award write up, Frost & Sullivan's Industry Director for Automation and IIoT, Muthuraman“Ram” Ramasamy states,“In a market with several solutions that help customers make more sense of big data, Yokogawa chose to take an uncharted path and create a market category of its own. The innovative category is Integrated Performance Management. The OpreX Profit-driven Operation solution pulls in real-time data from distributed control systems to structure a KPI dashboard that outlines the performance of plant management objectives. Yokogawa's ingenuity in leveraging this real-time big data from the DCS differentiates it from its peers. The OpreX Profit-driven Operation Solution is expected to become the standard for global plant operations because it balances the tradeoffs between KPIs and provides one solid operational health score.”


Yasunori Kobayashi, general manager of the Solution Development Department in Yokogawa's Digital Enterprise Business Headquarters, commented, “Yokogawa is supporting its customers' Digital Transformation Journey by integrating OT, IIoT technology, and industry best practices.OpreX Profit-driven Operation is a leading example of that, so we are delighted that this unique value has been so highly evaluated by Frost & Sullivan. The response from our customers has also been very positive and we look forward to helping them deliver profit improvement across their entire plant.”


For more information


Frost &Sullivan:https://best-practices.frost-multimedia-wire.com/yokogawa


Related Products & Solutions


OpreX Profit-driven Operation:https://www.yokogawa.com/solutions/solutions/oprex/oprex-transformation/oprex-profit-driven-operation/pdo/


About Frost & Sullivan


Frost & Sullivan, the Growth Partnership Company, works in collaboration with clients to leverage visionary innovation that addresses the global challenges and related growth opportunities that will make or break today's market participants. For more than 50 years, we have been developing growth strategies for the global 1000, emerging businesses, the public sector, and the investment community.


About Yokogawa


Founded in 1915, Yokogawa engages in broad-ranging activities in the areas of measurement, control, and information. The industrial automation business provides vital products, services, and solutions to a diverse range of process industries including oil, chemicals, natural gas, power, iron and steel, and pulp and paper. With the life innovation business, the company aims to radically improve productivity across the pharmaceutical and food industry value chains. The test & measurement, aviation, and other businesses continue to provide essential instruments and equipment with industry-leading precision and reliability. Yokogawa co-innovates with its customers through a global network of 113 companies spanning 60 countries, generating US$3.6 billion in sales in FY2018. For more information, please visit www.yokogawa.com. 


The names of corporations, organizations, products, services and logos herein are either registered trademarks or trademarks of Yokogawa Electric Corporation or their respective holders.


https://www.youtube.com/watch?v=uT128FBZLSQ  


Triple Talaq Bill: पीएम मोदी ने कहा, कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिला


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "एक पुरातन और मध्यकालीन प्रथा आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान तक ही सीमित हो गई है! संसद ने तीन तालक को खत्म कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के साथ किया गया एक ऐतिहासिक गलत कार्य को दुरुस्त किया। यह लैंगिक न्याय की जीत है और इससे समाज में समानता आएगी। आज भारत खुशियां मना रहा है!" 




पीएम मोदी ने कहा, "पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।" 



पीएम मोदी ने आगे कहा, "तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है।" 



गृह मंत्री अमित शाह ने भी दी बधाई


गृह मंत्री अमित शाह ने भी तीन तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम महिलाओं को बधाई दी है। 

गृह मंत्री शाह ने कहा, "ट्रिपल तलाक बिल के पारित होने पर मैं देश भर की मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा मिलने पर बधाई देता हूँ। इस ऐतिहासिक निर्णय से मोदी सरकार ने देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने तीन तलाक से उन्हें मुक्ति देकर समाज में सम्मान से जीने का अधिकार दिया है।" 


शाह ने कहा, "मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल 2019 पारित होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे जिससे वे 'न्यू इंडिया' के निर्माण में प्रभावी भूमिका अदा कर सकेगी।"

उन्होंने कहा, "मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है, ट्रिपल तलाक पर बैन इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक को पास करा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने वादे को पूरा कर दिखाया है।" 


उन्नाव रेप मामला: कुलदीप सिंह सेंगर को क्यों नहीं हटा पा रही बीजेपी?

ठीक 15 महीने बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वजह से सनसनी मची हुई है.



रायबरेली में 28 जुलाई को कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की कार को एक ट्रक ने इस तरह टक्कर मारी कि पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो चुकी है जबकि पीड़िता और उनके वकील फ़िलहाल लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर हैं. इस मामले पर विपक्षी पार्टियां सड़क से लेकर संसद तक में सवाल उठा रही हैं.


सबसे बड़ा सवाल तो हादसे के बाद यही उठ रहा है कि इस मामले में पीड़िता के साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी उस दिन कहां ग़ायब थे, इस सवाल का कोई ठोस जवाब ना देने के बाद हादसे के बाद जब यूपी पुलिस के मुखिया ओम प्रकाश सिंह जब मीडिया के सामने आते हैं तो कहते हैं, प्रथम दृष्टया ये मामला ओवरस्पीडिंग का लगता है.


ओपी सिंह अपने बयान में जिस मासूमियत से ये कहते नजर आते हैं उससे उनका वो चेहरा तत्काल याद आता है जब ठीक 15 महीने पहले उनका विभाग कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार नहीं करने की वजहें बता रहा था. वे खुद कह रहे थे कि माननीय विधायक जी पर तो अभी आरोप ही लगे हैं.


इन दोनों हालात में एक अंतर ये जरूर आया है कि अब कुलदीप सिंह सेंगर जेल में हैं लेकिन जेल में रहने से उनके रसूख में कहीं से कोई कमी आई हो, ऐसा नहीं कहा जा सकता.


हादसे से जुड़े तमाम सवाल जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि कुलदीप सिंह सेंगर अब तक पार्टी में क्यों बने हुए हैं?


पार्टी में क्यों बने हुए हैं कुलदीप सिंह सेंगर?


इसके बारे में मीडिया ने जब संसद के बाहर यूपी से बीजेपी की सांसद चुनी गईं रीता बहुगुणा जोशी से जब पूछा गया तो उन्होंने टालने जैसा जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी वैसी पार्टी है जो अपराधियों को संरक्षण नहीं देती है.


हाल ही में यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बनाए गए स्वतंत्र देव सिंह ने इस बारे में बात आगे बढ़ाते हुए कहा है, "कुलदीप सिंह सेंगर पार्टी से निलंबित किए गए थे और अभी भी निलंबित हैं."


लेकिन कुलदीप सिंह सेंगर कब तक पार्टी में बने रहेंगे और क्यों अब तक पार्टी में बने हुए हैं, इस पर कोई सामने आकर कुछ नहीं कहना चाहता. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल यूपी के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि ये बात सही है कि सार्वजनिक रूप से पार्टी की छवि को ज़रूर नुकसान पहुंचा है लेकिन पार्टी इस पर विचार करके जो भी फैसला लेगी वो सामने आ जाएगा.


दरअसल इस पूरे मामले को अगर सिलसिलेवार देखें तो ये समझना मुश्किल नहीं है कि कुलदीप सिंह सेंगर के रसूख के सामने पहले योगी आदित्यनाथ की सरकार और अब बीजेपी भी बेबस नजर आ रही है.


पहले बात इस पूरे मामले के शुरुआत की. दरअसल कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी के टिकट पर उन्नाव ज़िले की बांगरमाउ सीट से विधायक हैं. उन पर उनके गांव माखी की रहने वाली नाबालिग़ लड़की ने चार जून, 2017 को रेप करने का आरोप लगाया. लेकिन विधायक पर कोई मामला लड़की दर्ज नहीं करा पाई थी.


मामला दर्ज हो पाता उससे पहले आठ अप्रैल, 2018 को पीड़िता के पिता को उन्नाव पुलिस ने आठ अप्रैल, 2018 को आर्म्स एक्ट में गिरफ़्तार कर लिया. इसके बाद पीड़िता ने प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की, जिसमें उन्हें बचा लिया गया था.


लेकिन पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई पिटाई की वजह से नौ अप्रैल, 2018 को मौत हो गई थी. सोशल मीडिया में जिस तरह की तस्वीरें और वीडियो पीड़िता के पिता के नज़र आए थे, उससे यही ज़ाहिर हुआ कि जब सत्ता आपके हाथ में हो तो सिस्टम का आप कैसे मखौल उड़ा सकते हैं और आम आदमी सत्ता में मदांध तंत्र के सामने कितना निरीह हो सकता है.


ये झलक योगी आदित्यनाथ के उस बयान में भी दिखी थी कि किसी को भी बख़्शा नहीं जाएगा, बावजूद राज्य के गृह विभाग के सचिव और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कुलदीप सिंह सेंगर को विधायक जी और माननीय विधायक जी कहते नज़र आए.


जब पत्रकारों ने पुलिस महानिदेशक के माननीय कहने पर आपत्ति जताई तो राज्य के पुलिस प्रमुख ये बताने लगे कि अभी तो उन्हें दोषी नहीं माना जा सकता, अभी तो आरोप लगे हैं. इस पर जब मीडिया में हंगामा मचा तो 12 अप्रैल, 2018 को मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया.


इसके बाद 7 जुलाई, 2018 को सीबीआई ने पीड़िता के पिता की मौत के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया. इसके बाद 11 जुलाई, 2018 को विधायक पर बलात्कार का मामला दर्ज किया. पीड़िता नाबालिग़ थी इसलिए पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन फ़्रॉम सेक्शुअल ऑफ़ेंसेस एक्ट, 2012) के तहत भी ये मामला दर्ज किया गया.


13 जुलाई, 2018 को कुलदीप सिंह सेंगर से सीबीआई ने लगातार 16 घंटे पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया. इसके बाद 13 जुलाई को ही सीबीआई ने कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता के पिता के ख़िलाफ़ झूठा आरोप लगाने का मामला दर्ज किया.


लेकिन इन मामलों में अब तक किसी में भी सुनवाई शुरु नहीं हो पाई है.


दबदबे की वजह


पीड़िता के परिवार को लगातार डराने और धमकाने की बात भी सामने आ रही है. पीड़िता के चाचा को एक पुराने मामले में जेल में डाल दिया गया है और मामले के एक गवाह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है.


अब रायबरेली में हुए हादसे के बाद उनपर एक बार फिर से हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई मुक़दमे दर्ज कराए गए हैं, लेकिन पार्टी में उनकी मौजूदगी को लेकर कहीं से सवाल नहीं उठ रहा है.


कुलदीप सिंह सेंगर का ये दबदबा तब देखने को मिला जब वे परंपरागत तौर पर भारतीय जनता पार्टी के तौर पर प्रशिक्षित नेता नहीं हैं. वे ना तो संघ की शाखाओं में निखरे हैं और ना ही भारतीय जनता पार्टी के मूल्यों में उनकी कोई आस्था रही है. वे पूरी तरह से अवसरवादी राजनीति का चेहरा हैं.


वे पहले 2002 में बहुजन समाज पार्टी से विधायक बने थे, फिर 2007 और 2012 में समाजवादी पार्टी के विधायक रहे और 2017 में ठीक चुनाव से पहले बीजेपी में जमा हुए नेताओं की कतार में आ गए.


बीते 17 साल से विधायकी और 50 साल से परिवार की पंचायती और प्रधानी ने कुलदीप सिंह सेंगर को वो दबंगई तो दी ही है जिसकी वजह से बलात्कार के आरोपों के बीच कभी वो मुख्यमंत्री सचिवालय में खिलखिलाते नज़र आए और कभी लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आवास के बाहर कहते नज़र आए कि आरोप ही लगा है, भगोड़ा तो नहीं हूं.


इसकी क्या वजह हो सकती है? इसकी दो ठोस वजहें दिखाई देती हैं- एक तो कुलदीप सिंह सेंगर, योगी आदित्यनाथ की बिरादरी से आते हैं. संयोग ऐसा है कि जिस थाने ने पीड़िता का मामला दर्ज नहीं किया था, वहां के थानेदार से लेकर ज़िला पुलिस प्रमुख और राज्य पुलिस के मुखिया तक, सब के सब ठाकुर रहे हैं.


राज्य की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता बताते हैं, "यूपी के मुख्यमंत्री के साथ पुलिस महानिदेशक भी ठाकुर हैं और कुलदीप सिंह सेंगर भी. ऐसे में समझना मुश्किल नहीं है कि उन्हें इसका फ़ायदा तो मिला होगा क्योंकि यूपी की राजनीति में यह हमेशा नजर आता है कि जातीयता एक बड़ा रोल निभाती रही है."


इसके अलावा मौजूदा समय में राजपूत या ठाकुरों का तबका भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा समर्थक वर्ग भी है, संभवतः इसलिए भी पार्टी एक दबंग ठाकुर विधायक के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर अपने समर्थक वर्ग को थोड़ा भी नाराज़ करने का जोखिम नहीं उठाना चाहती है.


हालांकि, एक बात ये भी कही जा रही है कि जिन लोगों के सहारे कुलदीप सिंह सेंगर बीजेपी में आए थे, वो योगी आदित्यनाथ के विपक्षी समझने जाने वाले खेमे के लोग हैं. माना जाता है कि राज्य में बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, कुलदीप सेंगर को बीजेपी के पाले में लेकर आए थे.


बीजेपी में उन्हें लाने की बड़ी वजह सेंगर का अपने इलाक़े में अच्छा-ख़ासा प्रभाव रहा था.


सेंगर की ख़ासियत


कुलदीप सिंह सेंगर 2002 में पहली बार उन्नाव सदर से बीएसपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. यह पहला मौका था जब इस सीट पर किसी बीएसपी उम्मीदवार को जीत हासिल हुई थी. इसके बाद बांगरमाउ से 2007 में वे समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधायक चुने गए.


2012 में वे भगवंतनगर विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक बने. यानी बीते 17 सालों में वे उन्नाव की तीन विधानसभा सीटों की तीन अलग अलग पार्टियों से नुमाइंदगी कर चुके हैं. उनका पूरे जिले में अच्छा प्रभाव रहा है.


यही वजह है कि उन्नाव से सांसद चुने जाने के बाद साक्षी महाराज जेल में उनसे मिलकर धन्यवाद देना नहीं भूलते.


शरद गुप्ता बताते हैं, उन्नाव की संसदीय सीट पर कुलदीप सिंह सेंगर इतने प्रभावी तो हैं ही कि वे किसी को चुनाव हरवा सकते हैं, जिसे चाहें जितवा सकते हैं.


ये भी दिलचस्प है कि सेंगर के परिवार की राज्य के कुछ ठाकुर राजनीतिक परिवारों से रिश्तेदारियाँ भी हैं जिसके चलते उनके रिश्तेदार दूसरी पार्टियों मं भी मौजूद हैं.


राज्य की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता बताते हैं, दरअसल कुलदीप सिंह सेंगर अपने क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय नेता हैं. लिहाजा पार्टी हाईकमान की वो बहुत परवाह नहीं करते हैं.


इसकी एक झलक अखिलेश यादव की सरकार के दौरान भी देखने को मिली थी, जब वे सपा के विधायक हुआ करते थे. पार्टी हाईकमान की इच्छा के परे जाकर कुलदीप सिंह सेंगर ने अपनी पत्नी संगीता सेंगर को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए खड़ा करवाया.


शरद गुप्ता कहते हैं, "सपा सरकार की मशीनरी ने संगीता सेंगर को हरवाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था लेकिन कुलदीप सिंह सेंगर अपनी पत्नी को अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रहे. आज भी अगर वे इस्तीफ़ा देकर चुनाव लड़ेंगे तो जीत जाएंगे, इतना गुडविल तो है ही."


कहते हैं कि राजनीति के साथ साथ ठेकेदारी में हाथ आजमाने वाले कुलदीप सिंह सेंगर ने जो पैसा कमाया है, उसे अपने क्षेत्र के लोगों के बीच ख़ूब बांटा भी है. अपने इलाके के हर घर परिवार में होने वाले आयोजन में पहुंचकर वहां कुछ ना कुछ मदद करने का भाव उनमें रहा है.


ऐसे में हो सकता है कि कुलदीप सिंह सेंगर ज़्यादा अंतर से चुनाव जीत जाएं. ये भी हो सकता है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी की भी जरूरत नहीं हो.


राजनीतिक तौर पर उनके ख़िलाफ़ साज़िश होने की बात भी होती रही है, लेकिन आशंका के पक्ष में कोई ठोस वजह नज़र नहीं आती.


लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए वे क्यों ज़रूरी बने हुए हैं? इसके जवाब में बीजेपी के एक नेता कहते हैं कि वे जेल में हैं ही, सीबीआई जांच कर ही रही है और क्या किया जाए. आरोप सिद्ध तो नहीं हुआ है कि पार्टी निकाल बाहर करे.


लेकिन जानकार यही बताते हैं कि बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ की नीति को आगे बढ़ाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी की छवि को कुलदीप सिंह सेंगर की वजह से पूरे देश में नुकसान पहुंच रहा है.



Left - Right - कुलदीप सिंह सेंगर  - Yogi Adityanath 


'राहुल गांधी' नाम बना इंदौर के लड़के के लिए परेशानियों का सबब, नहीं देता कोई सिम कार्ड

इंदौर के इस राहुल गांधी के लिए परेशानी का कारण बना यह नाम, न लोन मिल रहा है न सिम




इंदौर: इंदौर के अखंडनगर निवासी एक युवक का नाम राहुल गांधी है। इस नाम ने उनकी जिंदगी को संघर्षों से भर दिया है। इस नाम की वजह से टेलीकॉम कंपनी उन्हें सिम नहीं देती और न ही बैंक लोन लोन प्रोवाइड करवा रहा है।


गांधी परिवार के वारिस और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को तो 'गांधी' नाम से बहुत कुछ मिला, लेकिन देश के इस राहुल गांधी को इस नाम की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


गांधी परिवार के वारिस और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में सभी जानते । लेकिन लोगों का ध्यान देश के उस राहुल गांधी पर नहीं जाता, जो कई सुविधाओं के लिए आजतक कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस नाम की वजह से उन्हें निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला है। वह कारोबार के लिए लोन चाहते हैं और इस लिए कई बार बैंक के चक्कर भी काट चुके हैं, लेकिन उन्हें हमेशा खाली हाथ लौटना पड़ा। यहां तक कि कोई टेलिकॉम कंपनी इन्हें सिम तक नहीं देती।


दरअसल, इंदौर के अखंडनगर निवासी एक युवक का नाम राहुल गांधी है। इस नाम ने उनकी जिंदगी को संघर्षों से भर दिया है। इस नाम की वजह से टेलीकॉम कंपनी उन्हें सिम नहीं देती और न ही बैंक लोन लोन प्रोवाइड करवा रहा है। इसके साथ ही कोई भी दुकानदार उन्हें बिल तक नहीं देता। मजबूरन उन्हें अपने भाई के नाम पर सिम लेना पड़ा।


इस नाम की वजह से वह कई बार मजाक के पात्र भी बनते हैं। लोग उनकी तुलना कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कर मजाक उड़ाते हैं यहां तक कि जब उन्होंने लोन के लिए बैंक में फोन कर अपना पूरा नाम बताया, तो बैंक कर्मचारी ने भी उनका मजाक उड़ाते हुए कह दिया कि ' राहुल गांधी दिल्ली छोड़कर इंदौर कब शिफ्ट हो गए' और यह कह कर फोन काट दिया।


इन सभी चीजों से परेशान हो कर राहुल ने अपना नाम बदल कर राहुल मालवीय कर लिया, ताकि ये सब बंद हो। उन्होंने बताया कि अब वह अपने सभी दस्तावेज से गांधी सरनेम हटवा रहे हैं, ताकि उन्हें आगे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कोई दिक्कत न हो।


लोन के लिए कॉल करने पर हंसी कर्मचारी


राहुल ने कार लोन लेने के लिए जब एक कंपनी में कॉल किया तो उनसे पहले काफी अच्छे से बात की गई। प्लान बताने से पहले नाम भी पूछा गया। उन्होंने नाम राहुल गांधी बताया तो सामने से कंपनी की महिला कर्मचारी जोर से हंसी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी दिल्ली से इंदौर कब रहने आ गए? आखिर में उन्होंने मजाक समझकर कॉल ही कट कर दिया।


पिता को गांधी कहते थे, उन्होंने सरनेम में लिखना शुरू किया


राहुल के पिता राजेश बीएसएफ में वॉटरमैन थे। वहां उन्हें लोग गांधी-गांधी कहकर बुलाते थे। राहुल ने कहा इसी कारण पिता ने अपने नाम के साथ गांधी लिखना शुरू कर दिया। बाद में मेरे स्कूल में नाम के साथ गांधी लिखवा दिया। 23 साल से ज्यादातर मार्कशीट अौर डॉक्यूमेंट्स में यही नाम चला आ रहा है।




20 रुपये में खोलें Post Office में ये अकाउंट, मुफ्त में मिलेंगी ये सेवाएं साथ ही बैंक से ज्यादा ब्याज

पोस्ट ऑफिस में आप सिर्फ 20 रुपए में सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं. ये चार्जेज बैंकों के चार्जेज के हिसाब से बहुत कम है. चलिए आज आपको बताते हैं इस अकाउंट की और खासियातें जो पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट को खास बनाती हैं और कैसे खुलता है ये अकाउंट.



पोस्ट ऑफिस का नाम सुनते ही आपके दिमाग में जरूर चिट्ठी भेजने की सुविधा ही आती हो. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोस्ट ऑफिस आपको लगभग सभी बैंकिंग सुविधाएं भी देता है. आपको बता दें कि पोस्ट ऑफिस में आप सिर्फ 20 रुपए में सेविंग अकाउंट खुलवा सकते हैं. ये चार्जेज बैंकों के चार्जेज के हिसाब से बहुत कम है. पोस्ट ऑफिस के इस खास सेविंग अकाउंट की खास बात ये है की इसमें सिर्फ 50 रुपए ही मिनिमम बैलेंस रखना होता है. पोस्ट ऑफिस का सेविंग अकाउंट बिल्‍कुल वैसा ही है जैसे बैंक का सेविंग अकाउंट होता है. पोस्‍ट ऑफिस में आपको ATM और चेक बुक की सुविधा भी मिलती है. चलिए आज आपको बताते हैं इस अकाउंट की और खासियातें जो पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट को खास बनाती हैं और कैसे खुलता है ये अकाउंट.


टैक्‍स फ्री होता है 10,000 रुपए तक का ब्‍याज:


यह सेविंग अकाउंट देश के किसी भी पोस्‍ट ऑफिस में ट्रांसफर कराया जा सकता है. पोस्‍ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में मिलने वाला 10,000 रुपए का ब्‍याज पूरी तरह से टैक्‍स फ्री होता है.


ऐसे खुलवा सकते हैं पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट:


पोस्‍ट आफिस में सेविंग अकाउंट खुलवाने के लिए एक फार्म को भरना होता है. यह फार्म पोस्‍ट ऑफिस के अलावा विभाग की साइट से डाउनलोड भी किया जा सकता है. सेविंग अकाउंट को खोलने के साथ ही KYC की कार्रवाई भी पूरी करनी होगी.


पोस्ट ऑफिस में अकाउंट खोलने के लिए चाहिए ये डॉक्यूमेंट:


आईडी प्रूफ में मतदाता कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि. एड्रेस प्रूफ में बैंक की पासबुक, पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली का बिल, फोन का बिल, आधार कार्ड होने चाहिए. इसके साथ लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो और संयुक्त खाते के मामले में सभी संयुक्त खाताधारकों की फोटो चाहिए.


पोस्ट ऑफिस के इस अकाउंट ये हैं खासियतें:


चेक सुविधा वाला खात 500 रुपए से खुलवा सकते हैं. बाद में न्‍यूनतम 500 रुपए का बैलेंस रखना ही जरूरी. नॉन चेक सुविधा वाला बचत खाता केवल 20 रुपए में खोलें और न्यूनतम 50 रुपए का बैलेंस रखना जरूरी. सभी बचत खाते में 10,000 रुपए तक का ब्याज इनकम टैक्‍स से फ्री. 2 या 3 वयस्क एक साथ संयुक्त खाता भी खोल सकते हैं. बचत खाते को चालू हालत मे रखने के लिए 3 वित्तीय वर्षों में कम-से-कम 1 लेनदेन जरूरी.


बाघ संरक्षण के लिए 'मैन वर्सेज़ वाइल्ड' में दिखेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रकृति के नए-नए पहलुओं से परिचय कराने वाले 'डिस्कवरी चैनल' के लोकप्रिय कार्यक्रम 'मैन वर्सेज़ वाइल्ड' (Man vs Wild) में जाने-माने होस्ट बेयर ग्रिल्स ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बताया कि प्रधानमंत्री के साथ शूट की गई कड़ी को 12 अगस्त को प्रसारित किया जाएगा.



नई दिल्ली: जल्द ही सारी दुनिया के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक कतई नया रूप और अनजाना पहलू देखेंगे, जब वह पशु संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से भारतीय जंगलों की सैर करेंगे. प्रकृति के नए-नए पहलुओं से परिचय कराने वाले 'डिस्कवरी चैनल' के लोकप्रिय कार्यक्रम 'मैन वर्सेज़ वाइल्ड' (Man vs Wild) में जाने-माने होस्ट बेयर ग्रिल्स ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर बताया कि प्रधानमंत्री के साथ शूट की गई कड़ी को 12 अगस्त को प्रसारित किया जाएगा.



बेयर ग्रिल्स (@BearGrylls) ने ट्वीट के साथ एक वीडियो प्रोमो भी अपलोड किया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ जंगलों में विचरते नज़र आ रहे हैं. 45 सेकंड के इस प्रोमोशनल वीडियो में प्रधानमंत्री को लम्बी खरपतवार के बीच चलते हुए, बांस में चाकू बांधकर सुरक्षा के लिए हथियार तैयार करते हुए, छोटी-सी नाव में सफर करते हुए, और जंगल के इस सफर के साथी बेयर ग्रिल्स के साथ हंसी-मज़ाक करते हुए हंसते-खिलखिलाते हुए देखा जा सकता है.


प्रोमोशनल वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बेयर ग्रिल्स का भारत में स्वागत किया, और उसके बाद वह बांस में चाकू बांधकर तैयार किए हथियार को अपने हाथ में लेकर कहते हैं, "आपके लिए मैं इसे अपने पास रख लेता हूं..." इसके बाद बेयर ग्रिल्स भी प्रधानमंत्री से कहते हैं, "मेरा काम आपको सुरक्षित रखना है..."



ट्वीट के मुताबिक, 12 अगस्त को रात 9 बजे इस कार्यक्रम को दुनिया के 180 देशों में एक साथ दिखाया जाएगा.


गौरतलब है कि बेयर ग्रिल्स इस तरह के कार्यक्रम पिछले कई सालों से पेश कर रहे हैं, और इससे पहले वह निक जोनस, जूलिया रॉबर्ट्स, केट विन्सलेट, केट हडसन, ज़ैक एफरॉन और बेन स्टिलर जैसी कई जानी-मानी फिल्मी हस्तियों के अलावा 2015 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा तथा पिछले साल जुलाई में टेनिस के सुपरस्टार कहे जाने वाले रोजर फेडरर के साथ भी जंगलों की सैर कर चुके हैं.


विकलांगता के बावजूद राजनीति में सदैव सक्रिय रहे रेड्डी - योगेश कुमार गोयल


pic- जयपालरेड्डी



पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एस जयपालरेड्डी ने हैदराबाद में अंतिम सांस ली। वे कई दिनों से बुखार और निमोनिया जैसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे थे और गत शनिवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने पर हैदराबाद के एआईजी अस्पताल में 77 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। 16 जनवरी 1942 को हैदराबाद के महबूबनगर जिले के मदगुल (वर्तमान में तेलंगाना का हिस्सा) में जन्मे सुदीनीजयपालरेड्डी एक जुझारू व संघर्षशील नेता थे, जो 1969 से 1984 के बीच आंध्र प्रदेश के कलवाकुर्ती से चार बार विधायक रहे, पांच बार सांसद चुने गए और दो बार राज्यसभा सदस्य भी रहे। उन्होंने 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल के मंत्रिमंडल में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला तथा 15वीं लोकसभा में यूपीए सरकार के मंत्रिमंडल में भी केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रहे। इसके अलावा अर्थ साइंस मंत्रालय का प्रभार भी उन्हीं के पास था। 2009 के लोकसभा चुनाव में वे चेवेल्ला लोकसभा सीट से चुनकर संसद पहुंचे थे। गुजराल सरकार में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री रहते रेड्डी ने ही दूरदर्शन और आकाशवाणी को प्रसार भारती बोर्ड के अधीन लाकर इसे एक स्वायत्तशासी निकाय का दर्जा दिया था। तेलंगाना राज्य के गठन में भी उनकी अहम भूमिका रही।


तेलुगू राजनीति में दिग्गज नेता माने जाते जयपालरेड्डी ने सक्रिय राजनीति की शुरूआत कांग्रेस पार्टी के साथ की थी किन्तु तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लागू किया था, तब जयपालरेड्डी उन वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने आपातकाल लागू करने के इंदिरा गांधी के फैसले का पुरजोर विरोध किया था। अंततः कांग्रेस से त्यागपत्र देकर पार्टी छोड़कर वह 1977 में जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और इंदिरा गांधी के खिलाफ आन्दोलन छेड़ दिया था। 1980 में उन्होंने आंध्र प्रदेश की मेडक लोकसभा क्षेत्र से इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा किन्तु जीतने में सफल नहीं हुए लेकिन उसके बाद भी लंबे अरसे तक उन्होंने कांग्रेस से दूरी बनाई रखी। 1985 से 1987 तक वह जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने रहे। 1990 से 1996 और 1997 से 1998 तक दो बार जनता दल की ओर से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए तथा 1991 से 1992 तक राज्यसभा में नेता विपक्ष के पद पर भी विराजमान रहे। 1999 तथा 2004 में वह कांग्रेस के ही टिकट पर सांसद चुने गए और उससे अगले चुनाव में 2009 में आंध्र प्रदेश के चेवेल्ला संसदीय क्षेत्र से 15वीं लोकसभा में पहुंचे। अपने बहुत लंबे राजनीतिक जीवन में रेड्डी कई वर्ष तक जनता पार्टी, जनता दल और कांग्रेस के प्रवक्ता भी रहे।
कांग्रेस से अलग होने के करीब 21 साल बाद 1999 में उनकी कांग्रेस में वापसी हुई और उसके बाद सत्तासीन हुई यूपीए सरकार के दोनों कार्यकालों में उनके पास महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार रहा। यूपीए सरकार के पहले कार्यकल में 24 मई 2004 को मनमोहन सरकार में उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। इसके अलावा उन्हें कला एवं संस्कृति मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया। 2009 में पुनः सत्तासीन हुई यूपीए के ही अगले कार्यकाल में उनके पास शहरी विकास मंत्रालय के साथ-साथ पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय का भी अतिरिक्त प्रभार रहा किन्तु 2012 में पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री रहते रिलायंस कम्पनी के साथ उनका विवाद हो गया था, जिसके बाद पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के बजाय उन्हें विज्ञान व तकनीकी मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। दरअसल देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेशअम्बानी की कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज पर उन्होंने 7000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए रिलायंस के शुभचिंतक रहे मंत्रालय के कई अधिकारियों का भी तबादला कर दिया था। रिलायंस पर की गई इस कड़ी कार्रवाई का कारण था कि रिलायंस द्वारा कृष्णा-गोदावरी बेसिन में निर्धारित लक्ष्य से कम मात्रा में गैस का उत्पादन किया गया था, जिससे सरकार को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। उनके द्वारा की गई इस कड़ी कार्रवाई के बाद अम्बानी के दबाव में सोनिया गांधी द्वारा उनका मंत्रालय बदल दिया गया और 29 अक्तूबर 2012 से 18 मई 2014 तक वे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री रहे।


केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री रहते उन्होंने वर्ष 2008 में देशभर में मैट्रो परियोजनाओं के लिए 'स्टैंडर्डगेज' के उपयोग की अनुमति दिलाने में केन्द्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने राज्य सरकारों को मैट्रो परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आवश्यक स्वतंत्रता देने की भी हिमायत की थी तथा हैदराबाद मैट्रो रेल परियोजना का भी उस वक्त पुरजोर समर्थन किया था, जब परियोजना के खिलाफ विभिन्न समूहों द्वारा कई विवादास्पद मुद्दे उठाए गए थे। मैट्रो रेल नीति पर बने मंत्री समूह (जीओएम) के सदस्य के रूप में जयपालरेड्डी ने 2008 में भारतीय रेलवे की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए मैट्रो रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकारों को आवश्यक स्वतंत्रता दिलाने की खातिर हैदराबाद मैट्रो रेल परियोजना तर्कों को स्वीकार करते हुए उनका समर्थन किया था।


आंध्र प्रदेश की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से एमए तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् उनका विवाह 7 मई 1960 को सक्ष्मी देवी के साथ सम्पन्न हुआ था, जिनसे उनके एक बेटी और दो बेटे हैं। सक्रिय राजनीति में शामिल होने के पश्चात्जयपालरेड्डी ने पहला विधानसभा चुनाव 1969 में आंध्र प्रदेश की कलवांकुर्ती विधानसभा सीट से जीता। उनकी क्षेत्र की राजनीति पर मजबूत पकड़ और लोकप्रियता अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि इसी सीट से वे चार बार विधायक चुने गए। 1984 तथा 1998 के लोकसभा चुनाव में वह महबूबनगर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। 1997 से 1998 तक वो प्रधानमंत्री इंद्रकुमारगुजराल की सरकार में सूचना एवम् प्रसारण मंत्री रहे। 2004 का चुनाव उन्होंने मिर्यलागुदा संसदीय क्षेत्र से और 2009 का चुनाव चेवेल्ला संसदीय क्षेत्र से जीता। 2014 का चुनाव महबूबनगर संसदीय क्षेत्र से लड़ा किन्तु हार गए थे और इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।


जयपालरेड्डी जब 18 माह के थे, तभी उनका पैर पोलियो से ग्रस्त हो गया था, जिस वजह से उन्हें बैसाखी के सहारे चलना पड़ता था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने जीवन में अपनी इस विकलांगता को कभी आड़े नहीं आने दिया। शारीरिक विकलांगता के बावजूद उनकी राजनीतिक सक्रियता में कभी कमी देखने को नहीं मिली। वाकपटुता के लिए जाने जाते रहे जयपालरेड्डी ने संसद और विधानसभा में अपना अलग मुकाम बनाया था। राजनीतिक पारदर्शिता के हिमायती रहने के चलते ही जयपालरेड्डी न कभी सोनिया गांधी के विश्वासपात्रों में शामिल रहे और न ही मनमोहन सिंह के। हालांकि विरोधी दलों के नेता भी एक विचारशील नेता और उत्कृष्ट सांसद के रूप में सदा उनका सम्मान करते थे। देश की अनेक राजनीतिक हस्तियों ने रेड्डी के निधन पर दुख जताते हुए कहा है कि जयपालरेड्डी को एक केन्द्रीय मंत्री तथा सांसद के रूप में उनकी सेवाओं के लिए सदैव याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा है कि जयपालरेड्डी का स्पष्टवादी वक्ता और प्रभावी प्रशासक के रूप में सम्मान किया जाता था। राजनीति में सक्रिय भूमिका और उनके बेहतरीन कार्यों के लिए ही उन्हें 1998 में संसद द्वारा श्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक एवं वरिष्ठ पत्रकार हैं)


योगेश कुमार गोयल


आज का कार्टून


आज का कार्टून


माल्या को मुखौटा कंपनियों के जरिये मिला पैसा


नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के बेहद करीबी के यहां छापे मारे हैं। जिसके बाद माल्या को मुखौटा कंपनियों के जरिये अवैध धन भेजने का खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि ईडी ने पिछले सप्ताह पहली बार भगोड़े आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत बंगलूरू के वी शशिकांत और उनके परिवार के यहां छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, शशिकांत माल्या का बेहद करीबी माना जाता है। शशिकांत फरवरी, 2017 तक माल्या समूह में कर्मचारी था और नौ साल तक माल्या का कार्यकारी सहायक रहा। इसके अलावा वह युनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड में प्रबंध निदेशक भी रहा है। ईडी को छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेजों के साथ ई-मेल और व्हाट्सएप संदेश मिले हैं, जिससे यह पता चला है कि शशिकांत लगातार माल्या के संपर्क में था। जांच में पता चला है कि शशिकांत ने युनाइटेड ब्रांडिंग वल्र्डवाइड नामक कंपनी बनाई, जिसमें उसकी पत्नी जयंती और बेटी अर्चिता साझेदार थे। इस कंपनी ने किंगफिशर बीयर और जूते आयात करने को युनाइटेड ब्रेवरीज का अधिग्रहण किया और सालाना आयात टर्न ओवर 220 करोड़ रुपये बताया। ईडी ने पाया कि कंपनी ने 60 फीसदी आयात दुबई की कंपनी टैमी इंटरनेशनल को किया, जिसके सबसे ज्यादा शेयर शशिकांत की बेटी के पास हैं। संदेह है कि इस कंपनी के कारोबार से मिली राशि को मुखौटा कंपनियों के माध्यम से माल्या को भेजा जाता था। 


दिल्ली की जहरीली हवा से युवती को कैंसर


- सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों का दावा, यह पहला मामला
नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली की जहरीली हवा फेफड़ों को बीमार ही नहीं बहुत अधिक बीमार बना रही है। सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने जहरीली हवा से एक युवती में फेफड़ों का कैंसर होने का दावा किया है। डॉक्टर इसे पहला मामला बता रहे हैं। सेंटर फॉर चेस्ट सर्जरी के चेयरमैन डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि पिछले हफ्ते उनकी ही ओपीडी में एक मल्टीनेशनल आईटी कंपनी में कार्यरत 28 वर्षीय युवती जांच के लिए आई थी। जन्म लेने से स्कूल जाने की शुरुआत यानी करीब 6 वर्ष तक वह परिवार के साथ गाजीपुर इलाके में रहती थी। बाद में परिवार पश्चिमी दिल्ली में आकर रहने लगा। परिवार के किसी भी सदस्य के धूम्रपान करने का रिकॉर्ड भी नहीं मिला है। ये मामला सीधे वायु प्रदूषण से ही जुड़ा है। हाल ही में सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि देश में प्रदूषण से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। 
प्रदूषण साइलेंट किलर की तरह 


डॉ. कुमार का कहना है कि दुनिया के सभी मानवों की संरचना एक जैसी है। इसमें प्रदूषण साइलेंट किलर की तरह काम करता है जिसका असर एक-दो नहीं, बल्कि 20-30 साल बाद दिखता है। डब्ल्यूएचओ भी इसे दुनिया भर में जन स्वास्थ्य आपात (पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) घोषित कर चुका है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो इस युवती के मामले पर किसी भी संस्था से शोध या अध्ययन करा सकती है।
 
दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण
अक्तूबर 2018 में आई केंद्रीय विज्ञान मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में 41 फीसदी पीएम 2.5 के प्रदूषित कण वाहनों से, 21.5 फीसदी धूल और 18 फीसदी प्रदूषण कण विभिन्न फैक्टरियों की वजह से हैं।


देश में प्रदूषण से करीब 15 लाख लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर दिल्ली है। भारत में प्रदूषण से सालाना करीब 15 लाख लोगों की मौत हो रही है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, घर के भीतर या लंबे समय तक बाहरी वायु प्रदूषण से घिरे रहने की वजह से 2017 में दुनियाभर में 50 लाख लोगों की मौत हो गई। जबकि भारत में करीब 12 लाख मौतें प्रदूषण से हुईं हैं।


रूस से आर-27 मिसाइल खरीदेगा भारत


नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने रूस से 1500 करोड़ रुपये की आर-27 मिसाइलों को खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस मिसाइल का वजन 253 किलो है। आर-27 को 60 किमी की रेंज तक 25 किमी की ऊंचाई से लॉन्च किया जा सकता है। हाल के दिनों में भारत और रूस के बीच ये दूसरी बड़ी डील है। इससे पहले भारत ने रूस के साथ 200 करोड़ की एंटी टैंक मिसाइल डील पर हस्ताक्षर किया था। इस एंटी टैंक मिसाइल को आर-35 अटैक चॉपर के साथ जोड़ा जाएगा। बता दें कि इन मिसाइलों को सरकार ने 10-आई परियोजना के तहत लेने का फैसला लिया है। इसके तहत तय किया गया है कि तीनों सेनाओं के पास जरूरी साजोसामान उपलब्ध रहे। रूस ने इन मिसाइलों को अपने मिग और सुखोई सीरीज लड़ाकू विमानों में तैनात करने के लिए तैयार किया है। इससे भारत के पास मध्यम से लंबी दूरी तक की रेंज में मार करने की क्षमता होगी।


तीन तलाक को तलाक या  तीन तलाक गैर कानूनी


तीन तलाक को तलाक या  तीन तलाक गैर कानूनी
- राज्यसभा से तीन तलाक विधेयक पास, 99 वोट पक्ष में, 84 वोट विपक्ष में
- बीएसपी, पीडीपी, टीआरएस, जेडीयू, एआईएडीएमके ने नहीं की वोटिंग
- राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 21 फरवरी को जारी अध्यादेश की जगह लेगा
- अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दो बार लोकसभा से पास हुआ लेकिन, राज्यसभा में अटका
- मोदी पार्ट-2 में बिल 25 जुलाई को लोकसभा से पास और 5 दिन बाद ही राज्यसभा में वोटिंग 
- बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव 84 के मुकाबले 100 वोटों से गिरा
विधेयक में ये प्रावधान
- अब तीन तलाक गैर-कानूनी होगा
- दोषी को 3 साल की सजा होगी
- पीडि़त महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा-भत्ता मांग सकेंगी
नई दिल्ली । तीन तलाक विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पास हो गया। उच्च सदन में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक के पक्ष में 99, जबकि 84 ने इसके विरोध में मतदान किया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक 21 फरवरी को जारी मौजूदा अध्यादेश की जगह ले लेगा। राजनीतिक हलकों में इसे मोदी सरकार की सबसे बड़ी रणनीतिक जीत माना जा रहा है। बता दें कि 16वीं लोकसभा में भी इस बिल को पास किया गया था। लेकिन, राज्यसभा में यह बिल अटक गया था। लगातार दूसरी बार मोदी सरकार में इसे पेश किया गया, जहां मंगलवार को इसे पास करने में कामयाबी मिली।


 
राज्यसभा में मंगलवार को तीन तलाक विधेयक पेश किया गया। यहां प्रमुख विपक्ष दल कांग्रेस ने इसका तीखा विरोध किया। राज्यसभा में एनडीए बहुमत में नहीं है। ऐसी स्थिति में विपक्ष के कुछ दलों बसपा, तेदेपा, पीडीपी, टीआरएस, जदयू, एआईएडीएमके और टीडीपी ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। इससे मोदी सरकार की राह आसान हो गई। वहीं, बीजद ने विधेयक के समर्थन में वोटिंग करके सोने पर सुहागा कर दिया। इसके लिए भाजपा ने व्हिप भी जारी किया था। राज्यसभा में यह बिल पास होना सरकार के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि उच्च सदन में अल्पमत में होने के चलते उसके लिए इस बिल को पास कराना मुश्किल था। 


विपक्ष की कमजोरी
बिल की मंजूरी से विपक्ष की कमजोर रणनीति भी उजागर हुई। विधेयक का विरोध करने वाली कांग्रेस कई अहम दलों को अपने साथ बनाए रखने में असफल रही। इससे पहले भी बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने का प्रस्ताव भी 100 के मुकाबले 84 वोटों से गिर गया। 


सजा के प्रावधान में कुछ गलत नहीं : कानून मंत्री
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि दहेज विरोधी कानून और बहुविवाह रोकने से जुड़े कानून में भी दोषी हिंदू पुरुष को जेल भेजने का प्रावधान है, लिहाजा तीन तलाक के दोषी पुरुष को सजा के प्रावधान में कुछ गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक लैंगिक समानता और महिलाओं के सम्मान का मामला है। तीन तलाक कहकर बेटियों को छोड़ दिया जाता है, इसे सही नहीं कहा जा सकता। 


मोदी सरकार की जीत का गणित
मोदी सरकार की इस विधेयक पर जीत में टीआरएस ने बड़ी भूमिका निभाई। 245 सदस्यों की राज्यसभा में 4 सीटें खाली हैं। ऐसे में 241 सदस्यों के इस सदन में बहुमत का आंकड़ा 121 है। एनडीए गठबंधन को राज्यसभा में 12 मनोनीत, 7 बीजद और निर्दलीय सांसदों समेत कुल 114 सदस्यों का समर्थन है। जदयू के 6 सांसदों के वॉकआउट करने की स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 118 पर आ गया। ऐसे में भाजपा को बहुमत के लिए महज चार वोटों की जरूरत थी। ऐसे में टीआरएस के 6 सदस्यों ने बहिर्गमन करके सरकार का काम आसान कर दिया। 


सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कानून
अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की 1400 साल पुरानी प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था और सरकार से कानून बनाने को कहा था। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दिसंबर, 2017 में इसे कानून बनाने विधेयक पेश किया। 


- दिसंबर, 2017 में लोकसभा से मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पारित कराया। लेकिन, राज्यसभा में अल्पमत होने से अटक गया। 


- विपक्ष ने मांग की थी कि तीन तलाक के आरोपी के लिए जमानत का प्रावधान भी हो। 


- 2018 में विधेयक में संशोधन किए गए। लेकिन, यह फिर भी राज्यसभा में पास नहीं हो पाया। 


- सितंबर, 2018 में अध्यादेश लेकर आई। इसमें जमानत का प्रावधान जोड़ा गया। 


- तीन तलाक देने पर तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया। 


-शाहबानो के हौसलों को सलाम


सबसे पहले तीन तलाक के खिलाफ 1986 में शाहबानो ने सवाल उठाए थे। इस दौरान सरकार ने उनके इस कदम का विरोध किया था। शाहबानो ने पूरी शिद्दत से इस केस को लड़ा और आज यह एक कानून के रूप में नजीर बन गया। 


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