लंदन। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल(आईसीसी) ने विश्व कप फाइनल में कुमार धर्मसेना के फैसले को लेकर हो रहे विवाद को गैरजरुरी बताते हुए कहा कि अंपायर की कोई गलती नहीं थी। फाइनल में इंग्लैंड की पारी के आखिरी ओवर में न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मार्टिन गप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री के पर चला गया था। इसके बाद अंपायर धर्मसेना ने इंग्लैंड को छह रन दिए गए जिससे मैच टाई हो गया और सुपर ओवर तक चला गया। वहीं टीवी रिप्ले से दिखा कि जब गुप्टिल ने गेंद फेंकी थी, तब आदिल राशिद और स्टोक्स ने दूसरा रन नहीं लिया था, इसलिए इसमें पांच रन दिए जाने चाहिए थे। अब धर्मसेना पर आईसीसी ने पहली बार बयान दिया है।
आईसीसी के जनरल मैनेजर ज्योफ एलर्डाइस ने कहा, 'गेंद के दौरान जो कुछ भी हुआ, उसके बाद उन्होंने बात की और अपना निर्णय लिया। उन्होंने फैसला लेने से पहले सही प्रक्रिया का पालन किया।' एलर्डाइस ने कहा, 'बल्लेबाजों ने पिच को क्रॉस किया या नहीं, यह निर्णय लेते समय उन्हें नियमों की जानकारी थी। खेल की स्थिति उन्हें उस प्रकार निर्णय को तीसरे अंपायर तक ले जाने की अनुमति नहीं देती है। जब मैदान पर अंपायरों को उस तरह का निर्णय लेना होता है उस समय मैच रैफरी हस्तक्षेप नहीं कर सकता।' इससे पहले अंपायर धर्मसेना ने भी कहा था, 'टीवी रीप्ले देखने के बाद मैं मानता हूं कि वो एक गलत फैसला था लेकिन हमारे पास मैदान में टीवी रीप्ले देखने जैसे सुविधा नहीं होती। इसलिए मैं अपने इस फैसले पर पछतावा नहीं करूंगा। उस समय जो मैंने फैसला लिया, उसके लिए आईसीसी ने मेरी तारीफ की है।'