मैं मूल रूप से महाराष्ट्र के दापोली का रहने वाला हूं। यह मेरे परिवार की पसंदीदा जगह है। वैसे वहां पर फिलहाल ऐसा कुछ नहीं है, जिसे हम अपना कह सकें। इसलिये, दापोली में मैं ऐसा घर और फार्म बनाने के अपने डैड के सपने को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा हूं, जिसे हम अपना कह सकें। ऐसे तो मैं फादर्स डे नहीं मनाता लेकिन मुझे लगता है कि जिस दिन मैं अपने पिता के सपने को पूरा करूंगा, वही दिन मेरे लिये सही मायने में फादर्स डे होगा।
मेरे डैड ने जीवन के हर पड़ाव में हमेशा ही मेरा सपोर्ट किया है। अब जबकि हम जल्द ही शूटिंग शुरू करने वाले हैं तो मेरे डैड ने सेट के पास ही किराये के मकान में मेरे साथ रहने का फैसला किया है, ताकि मुझे घर का बना खाना मिल सके। मेरे डैड बहुत अच्छा खाना बनाते हैं और मुझे इस बात की खुशी है कि वह हमेशा मेरे पास होंगे। सोनी सब के ‘भाखरवड़ी’ के सेट पर जब मेरे डैड पहली बार आये थे, तो उससे जुड़ी काफी अच्छी यादें मेरे पास हैं। मुझे अभी भी याद है कि वह इस बात से कितने खुश हुए थे कि उनका बेटा एक एक्टर है।
वह एक रिक्शा ड्राइवर हैं और जब मुझे ‘भाखरवड़ी’ में रोल मिला तो वह काफी खुश थे और उन्हें मुझ पर गर्व महसूस हो रहा था। मेरे डैड को मुझ पर और मेरे भाई-बहनों पर हमेशा से ही भरोसा था कि हम जो भी कॅरियर चुनेंगे, अच्छा ही होगा। इतने सालों के बाद आज भी वह रिक्शा चलाते हैं और उनकी लगन और कड़ी मेहनत ने मुझे हर दिन ज्यादा से ज्यादा मेहनत करने के लिये प्रेरित किया है। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं उनका बेटा हूं।
देव जोशी (सोनी सब के बालवीर रिटर्न्स के बालवीर)
मेरे डैड ने काफी संघर्ष किया है और आज वह एक सेल्फ-मेड बिजनेसमैन हैं। उन्होंने मुझे सिखाया है कि 'जो भी तुम्हारे पास है उसमें खुश रहो’। वह इस बात पर अटल थे कि मुझे एक अच्छा इंसान बनाना है इसलिये उन्होंने हमेशा ही मुझे मेरी गलतियों का ध्यान दिलाया, चाहे कैसा भी समय हो या कोई भी आस-पास हो। वह हर हाल में मेरे साथ खड़े रहे और इस इंडस्ट्री में मेरी सफलता की खुशी उन्हें मुझसे ज्यादा है। सिर्फ मेरे साथ ‘बालवीर रिटर्न्स’ के सेट पर रहने और मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिये उन्होंने अहमदाबाद से मुंबई के बीच काफी सफर तय किया है।
इस लॉकडाउन ने मुझे अपने डैड के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका दिया, क्योंकि उनकी फैक्ट्री भी बंद थी और वह घर पर हमारे साथ थे। इससे बाप-बेटे के रिश्ते को और बेहतर बनाने में मदद मिली। इन दिनों घर पर एक साथ रहते हुए हमने वाकई काफी अच्छी यादें संजोयी है। मेरे डैड तबला बजाते थे और मेरी मॉम और मैं गाते भी थे और डांस भी करते थे। इसलिये, डैड के साथ हर पल खूबसूरत और यादगार है।
उन्होंने मेरे लिये जितना किया है उसकी तुलना तो मैं कभी नहीं कर सकता, लेकिन मेरा एक सपना है कि मैं उनके लिये गुजरात में एक सुंदर-सा घर <span lang="HI" style="font-