करवा चौथ , पारंपरिक रूप से महिलाओं का पर्व रहा है। इस दिन महिलायें अपने पतियों की अच्छी सेहत और लंबी उम्र के लिये व्रत रखती हैं। इस बार एण्डटीवी के पुरूष कलाकार पुरानी प्रथाओं को तोड़ रहे हैं और नया ट्रेंड शुरू करने जा रहे हैं। ये हैं-एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी), ‘गुड़िया हमारी सभी पे भारी‘ के पप्पू (मनमोहन तिवारी) और राधे (रवि महाशब्दे) तथा ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौर)। अपनी पत्नियों के प्रति प्यार जताने और उन्हें सपोर्ट करने के लिये, ये कलाकार इस साल अपनी-अपनी बीवियों के लिये करवा चौथ का व्रत रखेंगे।
हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) ने कहा, ‘‘हम हर साल पूरे उत्साह एवं जोश के साथ इन रिवाजों को निभाते हैं। इसकी तैयारियां एक दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस साल यह और भी खास है, क्योंकि इस साल मैं अपनी पत्नी के साथ यह त्योहार मनाऊंगा और उसके प्रति अपना प्यार जताते हुये इस करवाचौथ को उसके लिये और भी खास एवं यादगार बनाऊंगा।
‘‘ इस बारे में आगे बताते हुये मनमोहन तिवारी (रोहिताश्व गौर) ने कहा, ‘‘रीति-रिवाज और परंपरायें हमारे जश्न में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह पूरे परिवार को एकसाथ लेकर आता है और उनके रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत बनाता है। हम कम-से-कम एकसाथ जश्न मना सकते हैं और इन पलों का एकसाथ आनंद उठा सकते हैं। उपवास के समय में हम बोर्ड गेम्स खेलेंगे, एकसाथ कोई किताब पढ़ेंगे और साथ मिलकर थाली सजायेंगे एवं शाम के समय कथा सुनेंगे।
‘‘ राधे (रवि महाशब्दे) ने कहा, ‘‘इस साल मैं अपनी पत्नी के लिये कुछ खास करने की सोच रहा था और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना उसके लिये व्रत ही रख लिया जाये। इस तरह, हम दोनों ही व्रत का एकसाथ आनंद उठा सकते हैं और एक-दूसरे को सपोर्ट कर सकते हैं। वह पूरे दिन व्रत रखती थी और मैं खाना खाता था, यह देखकर मुझे बहुत तकलीफ होती थी। जब मैंने उसे बताया कि इस साल मैं भी व्रत रखूंगा तो वह चैंक गई, लेकिन उसकी मुस्कुराहट अनमोल थी। हम व्रत के दिन सारे काम एकसाथ करेंगे और कोई फिल्म या शो देखेंगे, डिनर बनायेंगे, शाम को कथा सुनेंगे और हमारा व्रत खोलने के लिये चांद के निकलने का बेसब्री से इंतजार करेंगे।
पप्पू (मनमोहन तिवारी) ने कहा, ‘‘करवा चौथ पर मैं हमेशा से ही अपनी पत्नी के साथ व्रत रखता रहा हूं और इस साल भी करूंगा। हम दोनों इसका जश्न मनाते हैं और एकसाथ इसका आनंद उठाते हैं। हम एक-दूसरे के पसंदीदा खाने के बारे में बात करके एक-दूसरे को चिढ़ाते हैं और देखते हैं कि किसे पहले भूख लगती है। हम एक साथ खाना भी पकाते हैं, घर के सारे काम मिलकर निपटाते हैं और हमारे पसंदीदा शोज देखते हैं। शाम को, कथा के बाद, हम खाने पर से अपना ध्यान भटकाने के लिये आमतौर पर म्यूजिक सुनते हैं या अंताक्षरी खेलते हैं (हंसते हुये)। मेरी बीवी मुझे बार-बार यह देखने के लिये भेजती रहती है कि चांद आया कि नहीं। और जैसे ही चांद निकलता है, हम सभी छलनी, थाली और कलश लेकर छत की ओर भागते हैं। यह सब साथ में करके बहुत मजा आता है।‘‘