नई दिल्ली : हाल के सालों में माइग्रेन के मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आज हर सात लोगों में से एक शख्स माइग्रेन से परेशान है। समझने की बात है कि लमाइग्रेन के दर्द और सिर दर्द में अंतर होता है। माइग्रेन का दर्द सिर के दाएं हिस्से में या बाएं हिस्से में होता है। यह दर्द 2 घंटे से लेकर 72 घंटे तक बना रहा सकता है। कई बार दर्द शुरू होने से पहले मरीज को चेतावनी भरे संकेत भी मिलते हैं, जिससे उसे पता चल जाता है कि सिरदर्द होने वाला है। माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जो ठीक होने में समय लेती है। इसलिए माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की जरूरत है। सिर दर्द के अलावा जी मिचलाना, आंखों और कान के पीछे दर्द होना और लाइट और आवाज के प्रति अधिक संवेदनशीलता होना माइग्रेन का लक्षण है।
माइग्रेन से परेशान लोगों में करीब 20 से 25 प्रतिशत लोग देखने में और सुनने में परेशानी होने की शिकायत करते हैं। उल्लेखनीय है कि माइग्रेन का दर्द ब्लड सेल्स के बड़े होने और नर्व फाइबर्स से केमिकल के बहने के कारण होता है। जानकारों का कहना है कि जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है उन्हें समझना चाहिए कि कौन सी चीजें माइग्रेन की वजह बनती हैं, कौन सी दवाएं कारगर हैं, कितना दर्द होता है, क्या ये मासिक धर्म के समय होता है, किस जगह दर्द होता है, इसके अलावा क्या उल्टी और देखने सुनने में दिक्कत होती है।
खानपान पर सही ध्यान न देना माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है। खानपान को लेकर सही जानकारी न होने के कारण हम कुछ भी खा लेते हैं। इसके बाद माइग्रेन की समस्या होने लगती है। माइग्रेन के दर्द से बचने के लिए खाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। माइग्रेन का दर्द होने पर लोग अक्सर दर्द से बचने के लिए पेनकिलर ले लेते हैं। उनको लगता है कि पेनकिलर लेने से जल्दी राहत मिला जाती है, यह सच है, लेकिन आगे चलकर पेन किलर की डोज नुकसान करती है। इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के पेनकिलर नहीं लेना चाहिए। जो महिलाएं मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी या मेनॉपॉज से गुजर रही हैं उन्हें माइग्रेन की समस्या ज्यादा होती है। इसलिए हॉर्मोन के संतुलन को बनाए रखने के लिए उन्हें समय से खाना खाना चाहिए। इसमें प्रोटीन, साबुत अनाज की पर्याप्त मात्रा हो। साथ ही चीनी का सेवन भी सीमा में ही करना चाहिए।