प्राइवेट डेंटल प्रैक्टिशनर की बढ़ती समस्याओं को लेकर, तथा उन समस्याओं के निस्तारण के लिए डॉक्टर विपिन तिवारी ने भोपाल के कलेक्टर महोदय को लिखा पत्र l
पत्र में डॉ विपिन तिवारी ने कई समस्याओं का विस्तृत उल्लेख किया है, तथा उसके निस्तारण के लिए सही कदम उठाने की मांग की है l
पत्र में चिंता जताई गई है कि डेंटल प्रैक्टिशनर को दरकिनार किया जा रहा है l तथा उन्हें जो सुविधाएं सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जानी चाहिए वह, नहीं उपलब्ध हो पा रही है l
उस पत्र की कॉपी यह हैl
*डेंटल सर्जन के साथ न्याय किया जाये*
महोदय,
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी महोदय जिला भोपाल द्वारा आदेश दि.08/05/2020 क्र./.../कोविड-19/अजिद/2020/5856 के अनुसार भोपाल जिले में कोविड 19 महामारी के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए संदिग्ध संक्रमित रोगीयों का परीक्षण हेतु प्रायवेट रजिस्टर्ड डेंटल क्लिनिक के डेंटल सर्जनों की सेवायें लिये जाने का आदेश कलेक्टर महोदय जिला भोपाल ने दिया है।
राष्ट्र की सेवा के लिए कोरोना महामारी बीमारी में भोपाल ही नहीं सम्पूर्ण म.प्र. के डेंटल सर्जन डॉक्टर अपनी सेवाएं देने के लिए तत्काल प्रभाव से तैयार हैं। परन्तु इस कार्य के लिए *डेंटल सर्जन के साथ न्याय किया जाए* और जो भी साधन अन्य MBBS,MD,BHMS,BAMS, AAYUSH व पैरामेडिकल स्टाफ को जो सुविधा एवं मानदेय दिया जा रहा है जैसे :
1.एम.डी. मेडिसिन - 1,25,000 / मासिक मानदेय
2. MBBS - 60,000/ मासिक मानदेय
3. आयुष चिकित्सा अधिकारी - 25000/मासिक मानदेय
आदि दिया जा रहा है, परन्तु डेंटल सर्जन डॉक्टर को कोरोना महामारी में सेवा के बदले मानदेय नहीं दिया जा रहा है। इसी प्रकार MBBS डॉक्टर्स को सेवा के दौरान घर नही जा सकने के कारण होटलों में रहने की सुविधा दी जा रही है, ताकि डॉक्टर्स के घर परिवार में बीमारी न फैले, परन्तु डेंटिस्ट डॉक्टर के लिए ऐसी कोई सुविधा नही है, उनके भी परिवार हैं ।
इसी प्रकार COVID combat team health workers को पचास लाख रुपये का बीमा भी दिया जा रहा है, परन्तु डेंटिस्ट सर्जन को इसका लाभ नही दिया जा रहा है ।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा अनुमोदित श्रीमान प्रतीक हजेला, ( वि.क.अ. स्वास्थ्य आयुक्त म.प्र. शासन भोपाल) द्वारा जारी पत्र क्र. 288 दि.25/03/2020 के अदेशानुसार मानदेय देकर MBBS , आयुष, पैरामेडिकल स्टाफ की सेवा लेने का आदेश दिया है, इस आदेश में डेंटल डॉक्टर्स का नाम तक नहीं है, यह भी डेंटल सर्जन डॉक्टर्स के साथ अन्याय है। इस संदर्भ में भी डेन्टिस्ट सर्जन डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं देने के लिए आवेदन दिए थे, परन्तु आजतक उसका कोई निराकरण नहीं हुआ है।
सर्वविधित है जो डेंटिस्ट सर्जन युवा डॉक्टर कॉलेज से डिग्री लेकर निकले हैं, उन्होंने बैंको से एज्युकेशन लोन लेकर पढ़ाई की है,इनके ऊपर बैंक का लाखों रुपये का कर्ज है।
अधिकांश नए डेंटल डॉक्टर्स ने अपने क्लिनिक बैंक से लाखों रुपये का ऋण लेकर खोले हैं, वे सभी क्लीनक कोरोना के प्रकोप के चलते बंद हैं और हजारों रुपये माह का ब्याज लग रहा है, और डेंटल डॉक्टर्स की आय पूर्ण रूप से बंद हो जाने की वजह से इनके घर परिवार के संचालन में गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
प्रायवेट डॉक्टर्स के डेंटल क्लिनिक हजारो रुपये माह के किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं, जिनका किराया भी नहीं निकल रहा है, एवं व्यवसायिक बिजली के न्यूनतम बिल भी हजारों रुपये माह के आ रहे हैं।वर्तमान में डेंटिस्ट डॉक्टर बहुत अधिक परेशान व अभावग्रस्त है, मानवता के नाते डेंटिस्ट के साथ भी शासन प्रशासन को न्याय करना चाहिए ।
धन्यवाद 🙏🏻
*इससे पहले भी डॉ विपिन तिवारी मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों का मकान का किराया और स्कूलो की तीन महा की फीस माफ कराने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था*।
https://canontimes.page/article/madhyapradesh-ke-vidyaarthiyon-ka-makaan-kiraaya-maaph-karane-aur-skool-kee-3-maheene-kee-phees-maap/v_UyhR.html