Skip to main content

मध्य प्रदेश उपचुनाव: आदिवासियों को कन्या पूजन पर खाना खिलाना पड़ा BJP को मेहेंगा, मासूम आदिवासी कन्या का की खाने से हुई मौत

 इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर पकड़ा ज़ोर , पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने भी भी की निंदा* 


भोपाल , इंदौर मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनाव को अभी 2 साल बाकी है लेकिन मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 2018 के चुनाव में जिन कमियों की कीमत चुकानी पड़ी थी उन्हें दूर करने के लिए अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है| इस रणनीति के तहत एक महत्वपूर्ण हिस्सा राज्य के आदिवासियों और दलितों तक पहुंच बनाना है | और कल अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस पर BJP ने इससे एक अवसर के रूप में देखा और आदिवासियों तक पहुंचने की कोशिश भी की | 



BJP के नेता और कार्यकरता सेवा समपर्ण आयोजन, नवरारत्रि के पावन पर्व जो पूरा देश मना रहा है उसी वक़्त शिवपुरी के एक छोटे से गाँव कोलारस में कुपोषित बच्चियों को खाना देने का कार्यक्रम का आयोजन किया | 

 लेकिन इस पूरे कार्यक्रम में एक दुखद घटना का भी सामना करने को मिला | एक आदिवासी परिवार की मासूम बेटी लक्ष्मी की दुखद मौत भी हो गयी और परिवार भटकता रहा और बच्ची को कोई इलाज़ नहीं मिल पाया | 


इस पूरे मामले में ज़ोर पकड़ा औरविरोधी पार्टियों ने बीजेपी पर सीधा निशाना भी सीधा | मध्य प्रदेश एक पूर्व मुख्य मंत्री कमल नाथ ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म Koo पर लिखा कि "उपचुनाव क्षेत्रों में भाजपा का कन्या पूजन कार्यक्रम जारी और वही नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर मध्यप्रदेश के शिवपुरी के कोलारस में कुपोषित आदिवासी परिवार की मासूम लक्ष्मी की दुखद मौत, परिवार भटकता रहा इलाज नहीं मिला| यह है भाजपा का सेवा, समर्पण, जनकल्याण सुराज व कन्या पूजन अभियान..?"


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हम आपको बता दें की मध्य प्रदेश राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अनुसूचित जाति (एससी) का एक बड़ा वर्ग पार्टी का समर्थन नहीं करता है, इसका बड़ा कारण उनके समुदाय का भाजपा (BJP) में प्रतिनिधित्व न के बराबर होना है.


2011 हुई जनगणना को देखें तो, प्रदेश में कुल जनसंख्या का 21.5 % आदिवासी की है जो भारत में किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक है. इसमें से 15.6 प्रतिशत अनुसूचित जाति में आते है | राज्य की 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. 


अभी तक का 2018 और 2013 का BJP का ट्रैक रिकॉर्ड 


2018 में, BJP ने प्रदेश के आदिवासी के बड़े इलाकों में सिर्फ 16 सीटें पर ही जीत दर्ज़ कर पाई थी , वंही 2013 में 31 सीटें उनको मिली थी | 2018 में बीजेपी ने एससी (SSC) के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 17 सीटें जीती थीं, जबकि 2013 में 28 सीटें जीती थीं.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘हम एससी और एसटी मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे और भाजपा को एससी / एसटी की पार्टी बनाएंगे. एससी और एसटी आबादी के लिए पहले से ही कार्यक्रम शुरू किए जा चुके हैं.’इसी के साथ साथ BJP पार्टी को फिलहाल आदिवासी समुदाय से 30-35% वोट जुटा पाती है और इस बार का लक्ष्य लक्ष्य उनका 75 प्रतिशत तक पहुंचने का है. इस बार वो सुनिश्चित करना चाह रही है कि लोग उन्हें समाज के सभी वर्गों के लिए एक पार्टी के रूप में देख सके | 


इसी बात को ध्यान में रखते हुए BJP पार्टी फिलहाल बहु-आयामी रणनीति का सहारा ले कर अपना गढ़ मजबूत करने में लगी हुई है जिसके चलते सरकारी कार्यक्रमों और पार्टी में संगठनात्मक परिवर्तन से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों को शुरू करने तक.राज्य के सभी नेताओं को सीधा कहा गया है कि उनके काम को पहचानने के लिए कार्यक्रमों के संचालन के लिए प्रतिष्ठित एससी (SC)/ एसटी (ST) आंकड़ों की पहचान की जा रही है.


18 सितंबर को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जबलपुर के दौरे के वक़्त आदिवासी नायकों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम में भाग भी भाग लिया था | 


BJP फिलहाल राज्य के दूसरी बड़ी पार्टी है

BJP 2018 के चुनाव में 109 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बानी थी के और 230 सदस्यीय MP (एमपी) विधानसभा में 114 सीटें जीतने वाली कांग्रेस से वो बस मात्र कुछ वोटों से पीछे छोड़ पाई थी | वही 2020 मार्च में सरकार बनाने में सफल रही जब ज्योतिरादित्य सिंधिया जो फिलहाल अब एक केंद्रीय मंत्री हैं अपने 22 कांग्रेस विधायकों के साथ पार्टी में शामिल हो गए.

Popular posts from this blog

छतरपुर जिला चिकित्सालय को मिलेअत्याधुनिक जांच उपकरण एस्सेल माइनिंग द्वारा सी-आर्म, रक्त जांच एवं अन्य उपकरण दान

 छतरपुर की स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत बनाने के ध्येय को आगे बढ़ाते हुए एस्सेल माइनिंग द्वारा शुक्रवार को छतरपुर जिला चिकित्सालय में अत्याधुनिक सी-आर्म इमेजिंग डिवाइस, हाई फ़्लो नैज़ल कैनुला समेत त्वरित रक्त जांच उपकरण एवं मोरचुरी फ्रीजर भेंट किया गया।  जिला कलेक्टर श्री संदीप जी आर ने फीता काटकर नई सुविधाओं का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विजय पथोरिया एवं अस्पताल के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। नए उपकरणों के साथ छतरपुर जिला चिकित्सालय के सुविधाओं में वृद्धि होने के साथ ही हजारों नागरिकों को नई जाँचों का लाभ मिल सकेगा और त्वरित जांच प्राप्त हो सकेगी।कलेक्टर श्री श्री संदीप जी आर द्वारा इस अवसर पर अस्पताल परिसर में पौधा रोपण भी किया गया।  एस्सेल माइनिंग द्वारा लगातार छतरपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को उन्नत बनाने में सतत योगदान दिया जा रहा है। पूर्व में गुरुवार को कंपनी द्वारा बक्सवाहा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को बड़ा मलहरा विधायक श्री प्रद्युम्न सिंह लोधी की उपस्थिति में एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भेंट की गई। वेंटीलेटर जैसी सुविधाओं के सा

कर्नाटका बैंक ने इक्विपमेंट फाइनेंसिंग बिजनेस के लिये जेसीबी इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी की

 कर्नाटका बैंक ने भारत में अर्थमूविंग एवं कंस्‍ट्रक्‍शन इक्विपमेंट बनाने वाली प्रमुख कंपनी जेसीबी इंडिया लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये हैं। जेसीबी इंडिया लिमिटेड के साथ किए गए इस गठजोड़ की मदद से बैंक के एमएसएमई पोर्टफोलियो के तहत ऋण की सुविधा बेहतर होगी।   इस एमओयू के अंतर्गत, जेसीबी अपने फाइनेंस पार्टनर के तौर पर कर्नाटका बैंक को नॉमिनेट करेगी। परिणामस्‍वरूप, लोग/ठेकेदार/कंपनी/भागीदार कंपनियाँ/एलएलपी, आदि जेसीबी इंडिया लिमिटेड की उत्‍पाद श्रृंखला से विश्‍व-स्‍तरीय उपकरण खरीदने के लिये बैंक से प्रतिस्‍पर्द्धी ब्‍याज दरों पर लोन ले सकेंगे।    इस एमओयू पर हस्‍ताक्षर करने के बाद, कर्नाटका बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ श्री महाबलेश्‍वरा एम.एस. ने कहा, “हमारा फोकस क्रेडिट विकास पर होने के नाते, बैंक एमएसएमई की फाइनेंसिंग में आगे रहता है। हम जेसीबी के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर करके सचमुच खुश हैं, क्‍योंकि उत्‍कृष्‍टता, सत्‍यनिष्‍ठा और स्‍थायित्‍वपूर्ण विकास के हमारे मूल्‍य उनसे मिलते-जुलते हैं। हमारा बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से आकर्षक ब

*Reusable pads essential to make menstrual hygiene sustainable for all women and girls*

 If every woman and girl of menstruating age in India used disposable pads, 38,500,000,000 used pads would be discarded every month – an environmental disaster since each of these would take 500-800 years to degrade naturally XXX / May 26, 2021: Considering the immense non-biodegradable waste generated by disposable sanitary pads every month, sustainable menstrual hygiene in India can be achieved only with reusable pads made of organic material, said Anju Bist, Co-Director, Amrita SeRVe (Self Reliant Village) Program of Mata Amritanandamayi Math. Known as the “Pad Woman” of India for her zeal in promoting the use and reuse of sanitary pads made of cloth and banana fibre, she is the co-creator of Saukhyam Reusable Pads which have been awarded as the "Most Innovative Product" by the National Institute of Rural Development, Hyderabad. The pads were also lauded at the UN Climate Change Conference held in Poland in 2018. Said Anju Bist: “There are 355 million menstruating women an